हिमाचल में यूजी प्रथम वर्ष के 80 फ़ीसदी विधार्थी फेल, सदमे में विधार्थी, कुछ ने किया आत्महत्या का प्रयास, जिस छात्रा के 10th व 12th में 94 और 95% अंक उसको भी किया फेल

शिमला टाइम

हिमाचल प्रदेश विवि आजकल यूजी परीक्षा परिणाम को लेकर चर्चा में है। छह माह बाद यूजी प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम तो निकाला लेकिन इस परीक्षा परिणाम में प्रदेश के विभिन्न कालेजों में पढ़ने वाले 80 फीसदी छात्र फेल हो गए। वैसे परीक्षा परिणाम 40 दिन के अंदर आने चाहिए। परीक्षा परिणाम के बाद कई छात्र सदमे में है तो कुछ के आत्महत्या करने की कोशिशों की खबरें आ रही है। जिसको लेकर छात्र संगठनों ने एचपीयू प्रशासन के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। एक सप्ताह पहले आए परीक्षा परिणाम के बाद से छात्र संगठन हिमाचल प्रदेश विवि के खिलाफ़ धरने प्रदर्शन कर रहे है। छात्र आंदोलन से डरे विवि के वीसी से लेकर बड़े अधिकारी सोमवार को अपनी कुर्सी पर नज़र नही आए

परीक्षा परिणाम में 10th व 12th में 94 और 95% अंक थे उसको भी फेल कर दिया है। कांगड़ा के जैसिंहपूर की शगुन ने 10th व 12th में 94 और 95% अंक प्राप्त किए थे और बीएससी कर रही थी लेकिन उसको फेल कर दिया। अधरंग के मरीज शगुन के पिता कश्मीर सिंह ने बताया कि परीक्षा परिणाम आने के बाद से बेटी सदमे में है और कुछ भी कर सकती है। बेटी के लिए वह HPU पहुंचे थे लेकिन उन्हे किसी नही पूछा।


ABVP ने एचपीयू में भी वीसी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। छात्रों का आरोप है कि इस बार एचपीयू ने पेपर चैकिंग के लिए कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया यानी मैनुअल आधार पर पेपर चैक नहीं हुए। जिसकी वजह से छात्र में फेल कर दिए गए हैं। ABVP का कहना है की विवि द्वारा मामले को जल्द हल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन 5 दिन के बाद छात्रों को अभी तक कोई राहत नहीं दी गई है जिसके चलते आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

उधर, SFI ने भी हिमाचल विश्वविद्यालय परिसर में विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों के भविष्य से साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। SFI का कहना है कि कई विद्यार्थियों को 1-1 या 2-2 नंबर से फेल कर दिया गया है और कई सब्जेक्ट ऐसे हैं जिसमें कि विद्यार्थियों को नंबर ही नहीं मिले हैं। आधे अधूरे परीक्षा परिणाम को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ़ छात्रों क रोष है। SFI 24 घंटे की सांकेतिक हड़ताल पर बैठ गई है। यदि प्रशासन नही जागता है तो विश्वविद्यालय का घेराव करते हुए शहर के कालेजों सहित विश्वविद्यालय को ताला लगाएगी।

हालांकि एचपीयू प्रशासन ने अब विकल्प दिया है कि छात्र इसके लिए रि-चैकिंग और रि-इवैल्यूएशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें 300 रुपए फीस प्रति सब्जेक्ट देनी होगी। रि-चैकिंग में केवल जो कुल अंक दिए हैं उनका दोबारा जोड़ किया जाएगी जबकि पुनर्मूल्याकंन में किसी अन्य शिक्षक से पेपर चैक करवाए जाएंगे। वैसे खराब परीक्षा परिणाम आने का कारण कोविड भी माना जा रहा है। कोविड में दो साल छात्रों को प्रोमोट किया गया है तो ऐसे में छात्र इस बार भी इसी तरह की मनोस्थिति में थे।

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