शिमला टाइम
हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र चौहान, महासचिव हीरा लाल वर्मा, वित्त सचिव खेमेंद्र गुप्ता, मुख्य सलाहकार विनोद कुमार उपाध्यक्ष शमशेर ठाकुर सहित संघ के सभी पदाधिकारियों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि चुनाव ड्यूटी में लगाए गए सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को एक बराबर और एक जैसा मेहनताना दिया जाना चाहिए। जहां एक और डिविजनल कमिश्नर , जिला चुनाव अधिकारी, रिटर्निंग ऑफिसर , असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर, तहसीलदार, नायब तहसीलदा चुनाव चुनाव को 1 महीने का मूल वेतन महंताने के रूप में दिए जाने की अधिसूचना 30 नवंबर को जारी की गई है और उसी अधिसूचना मे चुनाव विभाग के प्रोग्रामर को ₹15000 , असिस्टेंट प्रोग्रामर को ₹11000, कंप्यूटर ऑपरेटर को ₹9000, डाटा एंट्री ऑपरेटर को ₹7000 मेहनताना देने की बात कही गई है। वहीं दूसरी ओर चुनाव प्रक्रिया को धरातल पर अमलीजामा पहनाने वाले टीम में प्रज़ाइडिंग ऑफिसर और काउंटिंग सुपरवाइजर को ₹350 प्रतिदिन और पोलिंग ऑफिसर और असिस्टेंट काउंटिंग सुपरवाइजर को ₹250 प्रतिदिन देने की अधिसूचना की गई है जोकि तर्कसंगत नहीं लग रही है क्योंकि धरातल पर चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने का जोखिम भरा और जिम्मेवारी वाला कार्य एस टीम के साथ लगा स्टॉप ही संपूर्ण करवाता है और ये एक बहुत बड़ी जिम्मेवारी का कार्य भी है जिसमें थोड़ी सी चूक होने पर कई कर्मचारियों को निलंबित भी किया जाता आया है इसके दृष्टिगत इन कर्मचारियों को भी 1 महीने का मूल वेतन मेहनताना के रूप में उसी तर्ज पर मिलना चाहिए जिस तर्ज पर निर्वाचन विभाग ने अन्य अधिकारियों को दिया है क्योंकि जो पैरामीटर तय किए गए हैं उसमें कहीं भी समरूपता नजर नहीं आ रही है इसलिए हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ मांग करता है कि कर्मचारियों के महंताने में समरूपता लाने के लिए सभी कर्मचारी वर्ग जो भी किसी भी तरह की चुनाव ड्यूटी में लगाए गए हैं उन्हें भी 1 महीने का मूल वेतन या सम्मानजनक मेहनताना निर्वाचन या चुनाव आयोग के द्वारा दिया जाए क्योंकि जो अधिसूचना हुई है इसमें किसी भी रुप से समरूपता नजर नहीं आ रही है साथ ही सयुंक्त कर्मचारी महासंघ वह भी मांग करता है कि चुनाव ड्यूटी में लगाए गए अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पोस्टल बैलट पहुंचने में हो रही देरी पर भी संज्ञान ले ताकि हर कर्मचारी के मत का प्रयोग समय रहते हो सके।
2022-12-05