शिमला टाइम
प्रदेश की सुखविंदर सिंह सरकार पूर्व की बीजेपी सरकार के फैंसलो को बदलने के विरोध में बीजेपी के बाद अब सीपीआईएम भी मुखर हो गई है।सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने कांग्रेस सरकार द्वारा डी नोटिफाई किए जा रहे संस्थानों को बंद करने का विरोध किया है और सरकार को 15 दिन समय देकर इन संस्थानों को रिव्यु करके इन्हें फिर से खोलने के लिए पैरा मीटर तय करने को कहा है। राकेश सिंघा ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर कहा कि पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक लाभ के मकसद से सरकारों ने चुनावी वर्ष में बड़ी बड़ी घोषणाएं करने की प्रथा शुरू की है जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
राकेश सिंघा ने कहा कि अगर सरकार ने इसको लेकर कोई निर्णय नहीं किया तो लोगों को जागरूक कर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। सिंघा ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में हिमाचल प्रदेश में भर्तियों में धांधली की बाते सामने आई है।पिछले कल जेओए आईटी पेपर लीक को लेकर जो लोग गिरफ्तार हुए हैं उसकी गहनता से जांच की जाने चाहिए।इसके अलावा लोक सेवा आयोग के माध्यम से भी असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए नियमों को बदला गया है जिस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। बेसिक मेरिट के आधार पर पदोन्नति और भर्तियां होनी चाहिए।
इसके अलावा सीमेन्ट फैक्ट्री विवाद को लेकर राकेश सिंघा ने कहा है कि अदाणी की मनमानी नही चलेगी और सीपीआईएम ट्रक ऑपरेटर के साथ खड़ी है।सरकार को विवाद सुलझाने के लिए जल्द रास्ता निकालना चाहिए।