सड़क को बना दिया डंपिंग साईट, ग्रामीणों में रोष
शिमला टाइम
कोरोना महामारी में लॉकडाउन में जहां लोग घरों में रहकर नियमों का पालन कर रहे है। लोगों के कामकाज ठप्प पड़े है। 2 गज की दूरी का पालन करने के अलावा सरकार द्वारा जारी हर निर्देशों का पालन कर रहे है। वहीं कुछ ऐसे भी है जो लॉक डाउन व सुनी पड़ी सड़कों का खूब लाभ उठाते हुए नियमों को ठेंगा दिखा रहे है। लॉक डाउन से पहले जहां अवैध डंपिंग की शिकायतें आम थी। वहीं अब इस लॉक डाउन में सड़कों को ही डंपिंग का स्थान बना दिया गया है। लोक निर्माण विभाग की ऐसी सड़कें जिनके किनारे में बरसात के पानी निकासी हेतु ड्रेनेज की व्यवस्था होनी चाहिए थी, उस जगह पर जगह जगह मलबे के ढेर लगे हैं। राजधानी शिमला से 20 किलोमीटर दूर धमून पंचायत के अंतर्गत आने वाले भवाणा सड़क मार्ग पर इन दिनों यही हालत है।
आलम यह है कि शिल्ली बस स्टॉप से 1 किलोमीटर दूर भवाणा की ओर जाने वाले सड़क पर जगह जगह मलबे के ढेर लगाए गए है। कोई एक ढेर नहीं बल्कि थोड़ी -थोड़ी दूरी पर 3 से 4 जगह मलबे के ढेर लगाए गए हैं। जिससे सड़क की दशा तो दयनीय हो ही गई है। सड़क की टारिंग उखड़ कर जगह गड्ढे पड़ चुके है। वहीं बरसात में पानी की निकासी सही न होने से पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। सीलन की दिक्कतों से ग्रामीण को जूझना पड़ रहा है। जिसके चलते भवाणा गांव के लोगों में भारी रोष है। ऐसे में जब लोक निर्माण विभाग से बार बार शिकायत करने के बाद भी मलबा फेंकने वाले दोषियों पर सख्ती नहीं कि जा रही है। भवाणा के निवासी प्रेम सिंह ठाकुर ने इस बावत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1100 पर भी शिकायत की है। उनका कहना है कि सड़क लोक निर्माण विभाग की है बाहर से आकर यहां कोई मलबा फेंक कर जा रहा है लेकिन विभाग को कोई खबर नहीं। इससे सड़क को तो नुकसान हो ही गया है। घरों तक पानी पहुंचने लगा है। उन्होंने सरकार से मलबा फेंकने वाले दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं ग्राम पंचायत प्रधान बलदेव ठाकुर ने भी मामले पर अधिकारियों से बात की है। उन्होंने कनिष्ठ अभियंता लोक निर्माण विभाग को सूचित किया है ताकि लोगों को नुकसान न हो और मलबा खेतों व लोगों के घरों तक न पहुंचे। उन्होंने कहा कि यदि विभाग कार्रवाई नहीं करता है तो विभाग के उच्च अधिकारियों व सरकार से शिकायत की जाएगी।