कोरोना- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि भी मूलमन्त्र, जानिए पौषाहार विशेषज्ञ की राय

शिमला टाइम

कोरोना  महामारी से बचने के लिए सामाजिक दूरी तथा हाथों की स्वच्छता के अलावा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि भी मूलमन्त्र  मानी  जाती  है। वर्तमान संकट काल से उभरने के लिए विटामिन, मिनरल, फल, सब्जियों, ड्राई फ्रूट के संतुलित आहार के माध्यम से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर डाॅक्टर अत्याधिक बल दे रहे हैं तांकि आपका शरीर स्वास्थयवर्धक व मजबूत बन सके और वायरस से लड़ सके। अब जबकि दुनिया भर में वैज्ञानिक कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीन बनाने में एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं वहीं दूसरी ओर आप अपने भोजन में उचित पौषाहार सम्मिलित करके अपने आपको स्वयं भी बचा सकते हैं। आप  रोज़ाना  अपनी डाइट में कुछ  चीज़ों  को शामिल  करके  स्वयं तथा अपने परिवार को  कोरोना  तथा   दूसरे   संक्रमण   रोगों  से  सुरक्षित  कर सकते हैं /

दहीः दही का स्वास्थ्यवर्धक उपयोग दुनिया भर में सदियों से किया जा रहा है दही को प्रोबाइटक का  मुख्य   स्त्रोत  माना जाता है दही के नियमित सेवन से आंते मुलायम होती हैं, हड्डियां मजबूत होती हैं पाचनतन्त्र सुदृढ़ होता है जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आदमी के बिमार पड़ने की सम्भावनाऐं कम हो जाती हैं। दही को गाढ़े दूध में बैक्टिरिया फर्मन्टेशन के माध्यम से जमाया जाता है। सामान्यतः दही और दूध में विटामिन व मिनरल संघटक मिलते जुलते ही होते हैं लेकिन दही में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। दही में विटामिन ए और जिंक भी विद्यमान पाए जाते हैं। दही के शौकीन लोगों को कैल्शियम, विटामिन बी-2, विटामिन बी-12, पोटाशियम, मैगनिशियम आदि एनीमल प्रोटीन तथा अन्य पौषाहार लगातार मिलते रहते हैं।
दही में प्रकृतिक तौर पर लैकटोज मिल्क सुगर के रूप में मिठास विद्यमान होती है इसलिए हमेशा सुगन्ध रहित सादा दही ही उपयोग करना चाहिए। लेकिन अगर आप सादा दही पसन्द नहीं करते तो आप दही में ताजे फल, सूखे मेवे, बेरी या एक चम्मच शहद डालकर इसमें मिठास ला सकते हैं। दही में कैल्शियम विटामिन बी, मिनरल आदि सभी आवश्यक पौषाहार विद्यमान होते हैं।

मशरूमः मशरूम को शरीर की सुपर पावर बढ़ाने का साधन माना जाता है। मशरूम शरीर में उत्तेजना, जलन को कम करके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के लिए उपयुक्त पौषाहार माना जाता है। मशरूम में विटामिन-बी, प्रोटीन, फाईबर के अतिरिक्त, ‘‘सैलिनियम’’ नामक ताकतवर एंटी  ऑक्सीडेंट  तत्व विद्यमान होते हैं जोकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। मशरूम की विभिन्न प्रजातियों की विभिन्न औषधीय गुणस्वभाव होते हैं तथा सफेद मशरूम को विटामिन-डी का मुख्य        स्त्रोत  माना जाता है क्योंकि इसकी उपज में यह अल्ट्रावायलेट किरणों के सीधे सम्पर्क में आने से इसमें विटामिन-डी की सघनता कई गुना बढ़ जाती है।
मशरूम में विद्यमान कैल्शियम से हड्डियों को सुदृढ़ करने में मदद मिलती है। मशरूम के लगातार सेवन से हड्डियों से जुड़े रोगों, हड्डियों के दर्द, , हड्डियों की बिकृति ,  रोकने में मदद मिलती है। मशरूम में विद्यमान एंटीबाॅयटिक तथा एंटी फंगल गुणों की वजह से शरीर को विभिन्न रोगों के संक्रमण से बचाव होता है तथा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

खट्टे फलः फलों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का मुख्य स्त्रोत माना जाता है क्योंकि इनमें फाईबर, पौषक तत्व तथा विटामिन-सी प्रचूर मात्रा में विद्यमान होते हैं। स्ट्राबैरी, अंगूर, संतरा, आमला, निंबू आदि के नियमित सेवन से फ्लू, जुखाम, बुखार आदि बिमारियों के संक्रमण से बचा जा सकता है तथा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। इनके नियमित सेवन से आप को ऊर्जा तथा विटामिन प्रचूर मात्रा में मिलते हैं। जिससे आपकी त्वचा कोमल, मुलायम तथा आर्कषक बनती है तथा स्वस्थ त्वचा की वजह से अनेक संक्रमित  बिमारियों से बचा जा सकता है क्योंकि  त्वचा बैरियर का काम करती है। खट्टे फलों में विद्यमान विटामिन-सी से सफेद रक्त की कोशिकाऐं बनती हैं जो कि रक्त के माध्यम से शरीर में प्रवेश किए गए संक्रमणों को रोककर शरीर को स्वास्थ्यवर्धक, हृष्टपुष्ट तथा बलवान बनाती है तथा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है।

अदरकः हर घर में प्रयोग किए जाने वाले अदरक को प्राचीन काल से जुकाम, बुखार, फ्लू, बदहज़मी, उदर रोगों के लिए रोजमर्रा घरेलू उपचार के तौर पर प्रयोग किया जाता रहा है। अदरक जहां अनेक व्यंजनों को पौष्टिक तथा स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए सदियों से रसोई घरों में प्रयोग किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर अदरक में विद्यमान एंटी  ऑक्सीडेंट  तथा एंटी इन्फलेमेटरी गुणों की वजह से यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है तथा संक्रमण से जुड़े अनेक रोगों से शरीर की रक्षा करता है स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह की शुरुआत एक कप  अदरक  चाय से करनी चाहिए। आजकल जहां बाजार में अदरक चाय के पाऊच आसानी से मिल जाते हैं जिन्हे आप गर्म पानी में मिलाकर आराम से घर बैठे आनंद ले से पी सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह माने तो हमें सुबह के अदरक की चाय घर पर बनानी चाहिए। अदरक की चाय बनाने के लिए ताजे अदरक को कूट कर पानी में डालकर पानी को दस मिनट तक उबलने दें। इसके बाद आप उबले पानी  को  चाय के कप में डालकर इसमें   कुछ नींबू रस डालकर उबले पानी को मिलाकर अदरक की चाय बना लीजिए। आप चाहें तो इस मिश्रण में मीठापन लाने के लिए कुछ बूंदे शहद की भी मिला सकते हैं। पानी में अदरक तथा तुलसी के पत्ते डालकर इसे दस मिनट तक उबाल लें तथा इस मिश्रण में थोड़ा सा शहद मिलाकर इसका प्रयोग कर सकते हैं। स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप अदरक-लहसुन चाय भी बना सकते हैं। इसके लिए 5 कप पानी में अदरक कूट कर डाल लें तथा इसमें एक लहसून की कली कूटकर तथा थोड़ी सी काली मिर्च पाउडर डालकर कुछ देर तक उबलने के बाद कम में डाल लें तथा सवादानुसार शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

सलादः शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सलाद का सेवन अत्यंत लाभकारी साबित होता है। सलाद स्वास्थ्यवर्धक आहार का अभिन्न अंग माना जाता है। सलाद शरीर की पाचन शक्ति को सुदृढ़ करता है। हमेशा ध्यान रखें कि सलाद को खाने के साथ कदापि ना लें अन्यथा आपको फेट फूलने/वलटिंग की समस्या आ सकती है। सलाद को चटपटा मसालेदार बनाने से परहेज़ करें तथा सलाद में सिर्फ नींबू का रस और नमक के अलावा किसी भी अन्य बाहरी तत्व को मिलाने से परहेज़ करें। फ्रूट सलाद को छोटी भूख मिटाने के लिए उपयोग करें। सलाद के नियमित सेवन से बजन घटता है प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है, प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है पाचन शक्ति सुदृढ़ होती है तथा हड्डियां मजबूत होती हैं।
फ्रूट सलाद या वेजिटेबल सलाद में फाईबर की मात्रा होती है तथा इसे खाने से एक घण्टा पहले खाने से आपको भूख कम लगेगी जिससे आपका वजन  नियन्त्रित रहेगा तथा शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल सलाद के माध्यम से मिल जाऐंगे तथा कब्ज़ की कभी परेशानी नहीं होगी। हमेशा याद रखें कि सलाद में प्रयोग की जाने वाली सब्जियों, फलों को ताजे साफ पानी से अच्छी तरह धो डालें क्योंकि फलों-सब्जियों की सतह के बैक्टिरिया स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अधिक मात्रा में सलाद का सेवन पाचनतन्त्र को नुकसान पहुंचा सकता है। सलाद में टमाटर, प्याज, पालक, धनिया, खीरा, चुकन्दर आदि कम वसायुक्त सब्जियों का उपयोग करना चाहिए। ड्रेसिंग के लिए आप आलिव आयॅल या अन्य वनस्पति तेल का उपयोग कर सकती हैं जबकि सलाद में उच्च फाईबर वाली चीज़ें जैसे कि कच्ची सब्जियां, ताजे फल, फलियां आदि को भी सम्मिलित करें।

डाॅक्टर प्रीति नन्दा सिब्बल

देश की प्रतिष्ठित पौषाहार विशेषज्ञ हैं

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