लुप्त होती शिल्प कला को बचाने का प्रयास- शिमला में 5 दिवसीय कला एवं शिल्प मेला शुरू, लोगों को मिलेंगे बांस और चीड़ से बने इको फ्रेंडली उत्पाद

शिमला टाइम

प्रदेश में लुप्त होती जा रही शिल्प कला को बचाने और कलाकारों के हुनर को मंच दिलाने के मकसद से शिमला के पदम देव कंपलेक्स में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा राज्य संग्रहालय हिमाचल प्रदेश केे साथ मिलकर 7 से 11 नवंबर तक पांच दिवसीय कला एवं शिल्प मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें शिल्पकारों के अलग-अलग उत्पाद प्रदर्शनी और बिक्री के लगाए गए हैं । मेले का शुभारंभ निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग केे निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वाराा किया गया। मेले को देखने के लिए इस दौरान यूएसए के राजदूत जो हिमाचल दौरे पर हैं वह भी पहुंचे और प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक सुनील शर्मा ने बताया कि देश में भारत सरकार द्वारा सतत विकास का 2030 का टारगेट रखा गया है उसी को मध्य नजर रखते हुए और शिल्प कारों को उनकी कला को जीवित रखने के लिए विभाग ने यह प्रयास किया है इससे जहां शिल्पकला का संरक्षण होगा वही कलाकारों को रोजगार भी मुहैया होगा।प्रदर्शनी में शिल्पकारों द्वारा बांस और चीड़ की पत्तियों से बनाये गए इको फ्रेंडली उत्पाद लगाए गए जो लोग अक्सर लेना पसंद करते हैं।भारत गांव में बसता है शहर में आने के बाद भी लोग गाँव की चीज़ों को भूल नहीं पाते और गांव में बने उत्पादों को ढूढते है इसलिए प्रदर्शनी में वह उत्पाद लगाए गए हैं।

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