प्रशासनिक ट्रिब्यूनल भंग होने से बढ़ेगा कर्मचारियों का उत्पीड़न, तबादला उद्योग को मिलेगा बढ़ावा- : सूक्खू

शिमला टाइम

-ट्रिब्यूनल भंग कर सरकार ने कर्मचारी विरोधी होने का परिचय दियाशिमल। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक सुखविंद्र सिंह सूक्खू ने हिमाचल प्रदेश प्रसाशनिक ट्रिब्यूनल को भंग करने पर सवाल उठाए हैं। सूक्खू ने कहा कि इससे कर्मचारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा। तबादला माफ़िया और फलने-फूलने में मदद मिलेगी। ट्रिब्यूनल न होने से कर्मचारी न्यायालय के चक्कर काट-काटकर परेशान होंगे। पूर्व कांग्रेस सरकार ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल गठित कर कर्मचारियों को तबादला होने पर अपनी बात रखने का एक माध्यम प्रदान किया था, जहां उसे आसानी से राहत मिल जाती थी। हाइकोर्ट में पहले से काम का बोझ है। तबादले संबंधी केस जाने से मामलों की संख्या और बढ़ेगी। कर्मचारियों को तत्काल राहत नहीं मिल पाएगी। जेब भी ज्यादा ढीली करनी होगी। सूक्खू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है। सरकार ने ट्रिब्यूनल भंग कर अपने कर्मचारी विरोधी होने पर मुहर लगा दी है। इससे कर्मचारियों में भारी रोष है। तबादले की स्थिति में अब कर्मचारी को मानसिक रूप से भी परेशान होना पड़ेगा। सूक्खू का कहना है कि कांग्रेस सरकार सत्ता में आने पर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बहाल करेगी। उन्होंने सीएम जयराम सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। सूक्खू ने कहा कि इससे लाखों कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।

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