शिमला टाइम
ऑनलाइन स्कूली शिक्षा के साथ साथ वीरेन्द्र कुमार छात्रों और अध्यापकों को प्रतिदिन लिखावट को सुंदर बनाने के उद्देश्य से ऑनलाइन कैलीग्राफी क्लासेज दे रहे हैं। दिन में 30 मिनट की 4 कक्षाएं दी जा रही हैं जिसमे हिमाचल के 250 विद्यार्थी एवम अध्यापक भाग ले रहे हैं। हिमाचल के सुबह के सत्र में दो कक्षाएँ चलाई जाती हैं जिसमे सरकारी व निजी स्कूलों के लगभग 120 छात्र-अध्यापक भाग ले रहे हैं। शाम के सत्र में लगने वाली कक्षाओं में एक कक्षा सांई फाउंडेशन धर्मपुर (मण्डी) स्कूल के130 छात्रों तथा अध्यापकों को दी जाती है। दिन का अंतिम सत्र पड़ोसी राज्य हरियाणा तथा देश की राजधानी दिल्ली में कार्यरत 147 शिक्षकों की कक्षा का होता है। दिनभर लगभग 400 विद्यार्थियों को लिखावट कक्षाएँ दी जाती हैं जिसमे अधिकांशतः अध्यापक हैं।
वीरेन्द्र अभी तक प्रदेश के 37000 से अधिक छात्र-छात्राओं को लिखावट तकनीकों से अवगत करवा चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2018 में तत्कालीन राज्यपाल आचार्य देवव्रत के मार्गदर्शन से यह कार्य प्रारंभ किया था। सोशल मीडिया, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा यूट्यूब चैनल जैसे माध्यमों की सहायता से दो वर्षों में वे 4000 से अधिक अध्यापकों को लिखावट तकनीकों का प्रशिक्षण दे चुके हैं।
वीरेन्द्र कुमार के अनुसार वे हिमाचल के अतिरिक्त 9 अन्य राज्य के शिक्षकों के साथ सम्बन्ध रखते हैं।इन राज्यों के शिक्षकों से हुई शिक्षा-वार्ता से ज्ञात हुआ कि लिखावट देश भर के विद्यार्थियों की समस्या बनी हुई है। अतः समस्या समाधान भी राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए। इसी उद्देश्य से उक्त शिक्षक प्रत्येक राज्य के 200 अध्यापकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। अध्यापक अपने 10-10 अध्यापक साथियों को प्रशिक्षित करेंगे। इस प्रकार एक राज्य में 2000 शिक्षक प्रशिक्षित होंगे। ये प्रशिक्षित अध्यापक अपने स्कूलों के कम से कम 50 विद्यार्थियों की लिखावट में सुधार करेंगे। इस योजना के अनुसार 31 मार्च तक देश के लगभग 10 लाख विद्यार्थी लिखावट तकनीकों से लाभान्वित होंगे।
प्रथम चरण में हिमाचल के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के बाद आजकल दूसरे चरण का कार्य चल रहा है जिसमें हरियाणा, दिल्ली,मध्यप्रदेश, बिहार, ओडिशा, असम, पंजाब, उत्तराखंड, कर्नाटक राज्य के शिक्षकों को ऑनलाइन क्लासेज प्रदान की जा रही हैं। प्रत्येक राज्यों के 200 शिक्षकों को लिखावट तकनीकों में पारंगत करने के बाद 31 मार्च तक देश के लगभग 10 लाख बच्चों की लिखावट सुधारने का लक्ष्य रखा गया है।
वीरेन्द्र कुमार के अनुसार यह लक्ष्य ज़्यादा मुश्किल कार्य नहीं है क्योंकि प्रतिदिन होने वाली कक्षा में 20 मिनट कार्य किया जाता है और 12-14 दिनों बाद एक शिक्षक इस कला में दक्षता हासिल कर लेता है। लिखावट नवाचार को सुगम बनाने के उद्देश्य से शिक्षक एक हैंडबुक भी बना रहे हैं जिससे दूर दराज के इलाकों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को भी इसका लाभ मिल सके। लिखावट तकनीकों का संचित दस्तावेज़ के रूप में होना विद्यर्थियों के साथ साथ शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी लाभप्रद होगा अतः एक हैंडबुक की रचना भी की जा रही है।
वीरेन्द्र कुमार द्वारा प्रदान की जाने वाली कैलीग्राफी कक्षाएँ निःशुल्क प्रदान की जाती हैं जिसमे सभी आयुवर्ग के छात्र, अध्यापक तथा अभिभावक भाग ले सकते हैं। कक्षा में जुड़ने के लिए शिक्षक के मोबाइल नम्बर 7018803325 पर Calligraphy/सीखने वाली की आयु संदेश व्हाट्सएप करना होता है। आयु के अनुसार कक्षाएँ बनाई जाती हैं और 2-4 दिनों में कक्षाओं को लगातार किया जाता है। अपनी पूर्व कक्षाओं में वीरेन्द्र न कुछ मास्टर ट्रेनर भी तैयार किए हैं जिनमें शिक्षकों के अतिरिक्त DLEd प्रशिक्षुओं को भी जोड़ा गया है। ये मास्टर ट्रेनर कैलीग्राफी कक्षाएँ चला रहे हैं जिससे सीखने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।