शिमला टाइम, शिमला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधान सभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने डॉ यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय नौणी, सोलन में ठाकुर रामसिंह की राज्यस्तरीय जयंती समारोह तथा संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
डॉ राजीव बिंदल ने कहा श्रद्धा ठाकुर रामसिंह का एक ऐसा जीवन रहा है जिन्होंने संपूर्ण जीवन भारत माता के लिए अर्पित कर दिया। उन्होंने कहा 1942 से लेकर के जीवन पर्यंत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के नाते कार्य करते हुए और भारत के इतिहास एवं संस्कृति को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाए रखने, भारतीय इतिहास को सबके सामने लाना, उस इतिहास की गहराई के अंदर जाना, संस्कृति के छुपे हुए पहलुओं को सबके समक्ष लेकर के आना , ऐसे ठाकुर राम सिंह की जयंती के ऊपर भाषा कला एवं संस्कृति विभाग के द्वारा प्रदेश स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन आज नोनी डॉ यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया यह बड़े गौरव का विषय है ।
उन्होंने कहा कहा समुद्र के उत्तर में और हिमालय के दक्षिण में जो भूभाग है इसमें लाखों वर्षों से भारत की संस्कृति भारत का इतिहास, पड़ता बढ़ता हुआ आगे बढ़ता दिखाई देता है।
उन्होंने कहा यह भगवान राम की संस्कृति, भगवान कृष्ण की संस्कृति और यह इतिहास दुनिया के लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा वह भारत जिसने दुनिया को वेद दिया, जीवन का ज्ञान दिया, हम संसार मे क्यों आए हैं, कहां से आए हैं , कहां जाना है, उस भारत के इतिहास के बारे में समय समय पर भ्रांतियां पैदा करते हुए हमारे जो मूल आधार है उसको कहीं ना कहीं प्रभावित करने का योजना पूर्वक षड्यंत्र विदेशियों द्वारा किया गया ।
उन्होंने कहा उस इतिहास को पुनर्जीवित करने का कार्य नेरी शोध संस्थान ने अपने हाथ में लिया है, आज मुझे इस बात की खुशी हो रही है कि यहां पर अनेक पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई है जिसमें भारत, हिमाचल के इतिहास, सोलन जिला की इतिहास और सभी हिमाचल के ज़िलों के इतिहास और संस्कृति का लेखन प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा हम मानते हैं कि जब हमारी आने वाली संताने भारत के स्वर्णिम इतिहास को अपने सामने देखेगी तो स्वयं वह एक शक्ति से स्फूर्त होकर नए भारत, उन्नत भारत और विकसित भारत के लिए आगे बढ़ेगी।
उन्होंने कहा यदि अंग्रेजों द्वारा लिखा गया इतिहास सामने आएगा तो कहीं ना कहीं हमारी संताने विक्षिप्त हो करके किसी अलग दिशा में मुड़ते हुई दिखाई देगी।
बिंदल ने कहा ऐसा इतिहास लेखकों का कहना है कि जैसा लार्ड मैकाले ने कहा था कि अगर भारत को कहीं नुकसान पहुंचाना है तो इसका इतिहास और संस्कृति दोनों को आप को बदलना होगा । उसी आधार के ऊपर अंग्रेजो ने हमारे इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया, आज आवश्यकता है कि हम आजादी के 70 साल के बाद अपने इतिहास को जाने, समझे , उसको अपने पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाते हुए आने वाली संतानों को भारत के इतिहास की स्थिति से अवगत करवाएं ।