मंडी शिवरात्रि मेले में अनुसूचित जाति के लोगों से भेदभाव का मामला सदन में गूंजा, विपक्ष ने किया वाकआउट

शिमला टाइम
प्रश्नकाल से पहले किन्नौर के विधायक जगत नेगी ने शिवरात्रि मेले के समापन में सामूहिक धाम के दौरान हुए अनुसूचित जाति के लोगों से भेदभाव का मामला उठाया।
नेगी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मेले में सीएम व वरिष्ठ मंत्री के गृह क्षेत्र में ऐसी घटना दुखद है। सरकारी खर्च पर होने वाले कार्यक्रम में इस भेदभाव नहीं होना चाहिए। देवता के नाम पर इस तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। नेगी ने सरकार पर आरोप लगाए की मानसिकता में जातिवाफ छाया है। एक मंत्री व विधायक जब मन्दिर में नहीं जा सकता इससे सरकार की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो।


इस पर मंत्री महेंद्र सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि मेला आपसी मेल जोल को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किये जाते है। हर साल की तरह शिवरात्रि मेले में भंडारे का आयोजन किया गया। पुलिस को शिकायत मिली कि सार्वजनिक धाम में अपने ही गांव के व्यक्ति ने विरोध किया और कहा कि ये जगह आम जगह नहीं है और गाली गलोच की। मामला दर्ज कर दी दिया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है। जातिवाद पर भेदभाव निंदनीय है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय घटित इस घटना की सरकार भर्त्सना करती है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मंत्री के वक्तव्य पर विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इस अध्यक्ष कहते रहे कि सरकार की तरफ से वक्तव्य आ गया है मगर विपक्ष ने एक नहीं सुनी और सत्ता पक्ष ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया। इस पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और सरकार पर आरोप लगाए और साथ ही सदन से विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर दिया और 2 मिनट बाद प्रश्नकाल के लिए सदन में वापिस आ गए।

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