आठ लाख विद्यार्थियों को हिम तत्पर शिक्षा के साथ योग कार्यक्रम से जोड़ा जाएगाः गोविन्द सिंह ठाकुर

शिमला टाइम


शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज यहां समग्र शिक्षा और आर्ट आॅफ लिविंग के संयुक्त तत्वावधान में तैयार किए गए हिम तत्पर शिक्षा के साथ योग कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि योग भारत की प्राचीन परम्परा का अमूल्य उपहार है। योग मनुष्य में शारीरिक और मानसिक सन्तुलन स्थापित करता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को योग का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और विद्यार्थियों को भी हर घर पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से योग और ध्यान सिखाया जाएगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के लगभग आठ लाख से अधिक विद्यार्थियों को कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। शिक्षा विभाग के हर घर पाठशाला कार्यक्रम में योग और ध्यान संबंधित वीडियो डाले जाएंगे।
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी में योग आशा की नई किरण बन कर उभरा है। इस महामारी के प्रतिबन्धों और इससे पहंुची क्षति के कारण लोग अवसाद और तनाव जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। योग लोगों को मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाने में सहायक सिद्ध होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों के फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया है।
इससे पूर्व, शिक्षा मंत्री ने समग्र शिक्षा के डिजिटल साथी अभियान के लिए 50 मोबाइल फोन प्रदान किए। उन्होंने आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा इस अभियान के लिए 21 हजार मोबाइल फोन उपलब्ध करवाने की घोषणा के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कारपोरेट घरानों और समृद्ध परिवारों से इस अभियान में बढ़-चढ़ भाग लेने का आह्वान किया। इस अभियान के माध्यम से प्राप्त होने वाले मोबाइल फोन अभावग्रस्त बच्चों को वितरित किए जाएंगे ताकि कोरोना के इस संकटकाल में उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो।
आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने अपने वीडियो संदेश में शिक्षा मंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कह कि इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षक और विद्यार्थी योग के प्रति और अधिक जागरूक होंगे।
समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक वीरेन्द्र शर्मा, आर्ट आॅफ लिविंग के पदाधिकारी मधुराव, शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े।

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