छात्र नेताओं की आवाज़ दबाने के लिए तुग़लकी फरमान सुना रहा विश्विद्यालय प्रशासन, प्रतिबन्ध न हटाया गया तो किया जाएगा उग्र आंदोलन:छतर सिंह ठाकुर

शिमला टाइम

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा सुनाए गुए तुगलकी फरमान के मुददों पर एनएसयूआई ने पत्रकार वार्ता की। एनएसयूआई का कहना है कि 31 जुलाई को विश्वविद्यालय में एनएसयूआई ने कुलपति घेराव किया था। जिसमें कुलपति का सेवा विस्तार रदद करना, छात्रों की छः महीेने की फीस माफ करना, विश्वविद्यालय के पुस्तकालय व होस्टल को खोलना, ईआरपी की खामियों को दूर करना व रूसा छात्रों से संबधित मांगो को लेकर प्रदर्शन किया गया। परन्तु विश्वविद्यालय ने इन मांगो को मानने के बजाए एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष बलबिन्दर सिंह बल्लू, परिसर अध्यक्ष प्रवीण मिन्हास का ही प्रवेश वर्जित कर तीन छात्र नेता विनू मेहता, रजत भारद्वाज और यासिन भटट को परिवीक्षा आचरण (नजर बन्द) पर रखा गया है।

छतर सिंह ठाकुर ने कहा कि कुलपति ने छात्र नेताओं पर प्रतिबन्ध ही नही लगाया अपितू आम छात्र समुदाय का गला घोटने का काम किया है। जहां एनएसयूआई छात्र हित के लिए लड़ रही है तो एनएसयूआई के छात्र साथियों पर प्रतिबन्ध लग रहे है। वहीं दुसरी तरफ दुसरे छात्र संगठन आपस में लड़ाई व गाली गलौज कर रहें है उन पर कार्यवाही करने के बजाए उल्टा इनके मंत्री और महामंत्री को विश्वविद्यालय के अधिकारिक कार्यक्रम के अतिथि के रूप में बुलाया जाता है जिसकी अधिसूचना भी वि0 वि0 कुलसचिव द्वारा जारी की जाती है इस से इनकी दोहरी मानसिकता झलकती है और प्रमाणित होता है कि विश्वविद्यालय को आरएसएस की प्रयोगशाला बनाया जा रहा है। एनएसयूआई ने आज राज्यपाल को विश्वविद्यालय में व सभी जिला मुख्यालयों के जिलाधीश के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेज कर इस मामले में हस्तक्षेप कर छात्रों के अधिकारों का हनन होने से बचाया जाए व छात्र नेताओं पर प्रतिबन्ध वापिस लिया जाए। इस पत्रकार वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष बलबिन्दर सिंह बल्लू, व विश्वविद्यालय परिसर अध्यक्ष प्रवीण मिन्हास मौजूद रहे।

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