राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को किया सम्बोधित
शिमला टाइम
भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को सम्बोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सभी विधायक, सांसद तथा प्रदेश के अन्य निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को प्रदेश की जनता अपने भाग्य-विधाता के रूप में देखती है और आप सभी से अपेक्षा करती है कि आप सब इस प्रदेश व राष्ट्र के निर्माता बनें। अब तक की अपनी विकास यात्रा के द्वारा आप सबने भविष्य के समग्र व समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। पर्यावरण के अनुकूल कृषि, बागवानी, पर्यटन, शिक्षा, रोजगार- विशेषकर स्वरोजगार- आदि अनेक क्षेत्रों में सतत विकास की अपार संभावनाएं हैं। हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर है। हमें प्राकृतिक सौंदर्य को संजोये रखने के साथ-साथ विकास के क्षेत्र में निरंतर प्रयास करने होंगे। प्रदेश के एक जिले का नाम सिरमौर है। उन्होंने शुभकामना दी कि पूरा हिमाचल प्रदेश एक दिन विकास के पैमाने पर भारत का सिरमौर बने।
हिमाचल प्रदेश के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पधारने को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रकट किया आभार ।इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल के चलते हिमाचल प्रदेश अपनी स्वर्ण जयंती नहीं मना पा रहा था लेकिन अब जैसे-जैसे संक्रमित लोगों में कमी देखने को मिली और अनलॉक की तरफ देश एवं प्रदेश बढ़ रहा है, उसके बाद ही विशेष सत्र को बुलाया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के चलते प्रदेश सरकार ने यह कोरोना संक्रमण से पहले तय किया था कि स्वर्ण जयंती के चलते 50 वर्ष पूरा करने पर 50 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें यह दर्शाया जाएगा कि हिमाचल प्रदेश में 50 वर्षों में यह नए आयाम स्थापित किए हैं । उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस तरह के कार्यक्रम और भी आयोजित किए जाएंगे जिसकी रूपरेखा जल्द बता दी जाएगी ।
स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में शिरकत करने आए केंद्रीय खेल एवं सूचना तथा प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पूर्ण राजत्व के अपने 50 वर्ष का सफर तय है किया है और यह समय है कि अपनी आने वाली पुष्तों को यह बताया जाए कि 50 वर्ष के इस सफर में हिमाचल प्रदेश ने क्या नए आयाम स्थपित किए है ।अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं है क्योंकि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है यह राज्य का कार्यक्रम है यदि फिर भी कोई राजनीतिक दल इस तरह की टिप्पणी करता है तो उसे अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि अधिकतर समय प्रदेश तथा केंद्र में किसकी सरकार रही और क्या उसमें कमियां रहीं
इस अवसर पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिमाचल प्रदेश के दौरे के लिए राष्ट्रपति का अभिन्नदन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि हम हिमाचल प्रदेश के 50 वर्षों के स्वर्णिम वर्षांे की यात्रा के इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बने हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कोे राष्ट्रपति का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है, जो राज्य के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।
राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र और लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों का मन्दिर है। जनप्रतिनिधि लोगों के विचारों और उनकी आकांक्षाओं को विधानसभा के समक्ष रखते हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा को सकारात्मक चर्चा का केन्द्र माना जाता है और विचार-विमर्श के माध्यम से ही सकारात्मक परिणाम हासिल किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग संस्कृति और रीति-रिवाज हैं और प्रदेश की इस विविधता को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
आर्लेकर ने राज्य को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा हासिल करवाने में अपना योगदान देने वाले प्रदेश के सभी व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि अलग राज्य के रूप में हिमाचल का सपना संजोने वाले लोगों को प्रदेशवासी नमन करते हैं। उन्होंने प्रदेश के विकास में अहम योगदान देने के लिए यहां के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. यशवंत सिंह परमार के योगदान को भी स्मरण किया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह विधानसभा देश की पहली कागजरहित विधानसभा है। प्रदेश के विकास में डाॅ. परमार और वीरभद्र सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जो अधिकतम समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने सैन्य बलों में हिमाचली युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए राष्ट्रपति से राज्य के लिए हिमाचल रेजिमेंट के गठन का आग्रह किया।
राज्य विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने इस अवसर पर राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने अभिभाषण से प्रदेश विधानसभा की शोभा बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य विधानसभा के समृद्ध और गौरवशाली इतिहास का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा संभवतः देश की पहली विधानसभा है जिसे सही मायने में ई-विधानसभा कहा जा सकता है।
विधानसभा उपाध्यक्ष हंस राज ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, मंत्रीगण, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।