हिमाचल संयुक्त कर्मचारी महासंघ का ही दबाव था जो CM को वेतन आयोग की त्रुटियों पर मंथन करना पड़ा, कई ‘जयचंद’ आएंगे हम लक्ष्य हासिल करेंगे : वीरेंद्र

शिमला टाइम

पिछले कल छुट्टी व इतनी बर्फबारी के बावजूद यदि मुख्यमंत्री को छठे वेतन आयोग की त्रुटियों पर मंथन करने के लिए तथा अपने स्पोर्ट में तथाकथित नेताओं को बुलाने की आवश्यकता महसूस हुई तो बात स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के 25 संगठनों का दबाव पूरी तरह से देखा जा सकता है ,जिसे आम जनमानस ने भी महसूस किया है।

संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि बात यह नहीं कि किसे बैठक में बुलाया जाए। बात यह है कि जिस तरह से छठे वेतन आयोग में हम पंजाब से कोसों दूर हो गए हैं हमें मात्र और केवल मात्र पंजाब के हुबहू 1-1- 2016 की तिथि में मूल वेतन मिलना चाहिए यही हमारी एकमात्र मांग है । उसके बाद हम हिमाचल सरकार से अगली लड़ाई भत्तो के रूप में लड़ने वाले हैं ।
जिस तरह से कल की बैठक के बाद तथाकथित नेताओं ने मीडिया के माध्यम से अपनी बात कही कि हम अब जड़ तक पहुंच गए हैं और अब दो-तीन दिन मे ही इसका समाधान निकल जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि आपको जड़ तक पहुंचने में और उसको उजागर करने में इतना लंबा समय लग गया कि उससे पहले हिमाचल प्रदेश के 200000 कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की अनियमितताओं को दूर करने के लिए संयुक्त कर्मचारी महासंघ का गठन कर एक जागरूक कर्मचारी एवं कर्मचारी नेता होने का प्रमाण देना पड़ा।
लेकिन तब तक इन पांच नेताओं को ना तो पे कमीशन में कोई त्रुटि नजर आई और ना ही इसकी जड़ तक पहुंच पाए वे केवल मात्र सरकार का आभार व्यक्त करने में ही व्यस्त रहे ।
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि यह बताते हुए कोई अतिशयोक्ति नहीं हो रही है कि यह नेता लोग अभी भी जड़ तक नहीं पहुंच पाए हैं क्योंकि असली जड़ हिमाचल में इनिशियल स्टार्ट को खत्म करने की है जिसकी इन नेताओं ने कोई चर्चा तक नहीं की है।
देर आए दुरुस्त आए कर्मचारी हित में कोई भी पहल स्वागत योग्य है। हम सभी कर्मचारी नेताओं का वह चाहे कोई भी क्यों ना हो स्वागत करते हैं यदि उनके प्रयास से कर्मचारियों के हित साधे जा सके।

उन्होंने कहा कि अभी मंजिल बहुत दूर है फासले तय करने के लिए हमें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। बहुत से जतन व जयचंद खड़े किए जाएंगे लेकिन हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में ठीक उसी तरह अपने आप को केंद्रित करना पड़ेगा जिस तरह से अर्जुन ने मछली की आंख पर अपना निशाना केंद्रित किया था।

फ़ाइल फ़ोटो

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