केंद्रीय बजट से कर्मचारियों के हाथ लगी निराशा, मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर के लिए क्यों है बड़े खतरे की घंटी, पढ़ें क्या बोले- कर्मचारी नेता वीरेंद्र चौहान


शिमला टाइम
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए बजट में कर्मचारियों को बहुत बड़ी निराशा हाथ लगी है। हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ एवं हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय माध्यमिक शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा है कि केंद्र सरकार का बजट कर्मचारियों के लिए निराशा भरा रहा। उन्होंने कहा कि जब जब केंद्र व प्रदेशों में नया वित्त आयोग जारी किया गया तब तक टैक्स की स्लैब में दोगुना बढ़ोतरी हुआ करती थी क्योंकि नया पे कमीशन लागू होने से कर्मचारियों की वेतन वृद्धि होने के कारण कर्मचारियों को ज्यादा राशि टैक्स के रूप में ना देनी पड़े इसलिए केंद्र सरकार द्वारा टैक्स की स्लैब में वृद्धि कर कर्मचारियों को टैक्स में छूट का प्रावधान रखा जाता आया है।

ज्ञात रहे कि 3 वर्ष पहले केंद्र सरकार द्वारा 7 वां पे कमीशन जारी कर दिया गया था और हिमाचल में इस बार छठा पे कमीशन कर्मचारियों को जारी कर दिया है
पिछले चार-पांच सालों से केंद्र के बजट में कर्मचारियों को किसी तरह की राहत नहीं देखने को मिली इस बार कर्मचारी बजट से आशा लगाए बैठे थे कि टैक्स स्लैब दोगुना हो जाएंगे जिससे केंद्र एवं राज्य के कर्मचारियों को टैक्स में भारी छूट मिल पाएगी लेकिन केंद्र की ओर से किसी तरह की टैक्स स्लैब में वृद्धि नहीं करना सरासर मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर के लिए एक बहुत बड़ी खतरे की घंटी है क्योंकि मध्यम वर्ग के लोगों का ज्यादातर पैसा टैक्स के रूप में सरकार को जा रहा है और नेट इनकम से अपना और बच्चों का गुजारा करना आने वाले समय में बहुत ही कठिन हो जाएगा इससे गरीब और अमीर के बीच एक बहुत बड़ी खाई पैदा होने वाली है जो कि समाज के लिए एक अच्छा संकेत नहीं है संघ ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से कर्मचारियों के लिए टैक्स स्लैब में छूट की मांग की है।

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