शिक्षकों की बैक डोर भर्तियों से गिरा हिमाचल में शिक्षा का स्तर, पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में भी निजी स्कूलों की मनमानी पर लगे रोक : आई डी भंडारी

शिमला टाइम

आम आदमी पार्टी के नेता पूर्व डीजीपी ईश्वर देव भंडारी ने शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आज हिमाचल में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी किसी से छिपी नहीं है, इनकी लगातार बढ़ती फीस, मनमानी के चलते आम हिमाचल में रहने वाले परिवार के बच्चों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कल पंजाब के सीएम भगवंत मान और आप के वरिष्ट नेता ने जो गरीब परिवारों के बच्चों को इन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से निजात दिलाने के लिए जो ऐतिहासिक फैसला लिया ,उन्होंने उसी तर्ज पर सूबे की बीजेपी सरकार से मांग करते हुए कहा कि हिमाचल में भी तानाशाह हो चुकी बीजेपी को इससे सबक लेने की जरूरत है और पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में भी जल्द से जल्द इन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगा कर , हिमाचल की जनता को राहत दें।

ताकि किसी भी गरीब परिवार को अपने बच्चों की शिक्षा के लिए दर दर न भटकना पड़े। उन्होंने कहा कि हिमाचल में सरकारी स्कूलों के हालात सभी जानते है। उन्होंने हिमाचल के सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन को लेकर भी सीएम जय राम ठाकुर से मांग की कि जल्द से जल्द सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा ,उनकी बेहतर दशा के साथ प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नियंत्रण कर बेहतर हिमाचल की परिकल्पना को साकार कर सकें।

उन्होंने कहा कि पंजाब में सीएम भगवंत मान ने कल जो दो ऐतिहासिक फैसले लिए उनमें पंजाब शैक्षणिक सत्र 2022-23 के मौजूदा समेस्टर के दौरान फीस नहीं बढ़ा सकेंगे इसके अलावा प्राईवेट कोई भी स्कूल अभिभावकों को किसी विशेष दुकान से किताबें या वर्दी खरीदने के लिए मजबूर नहीं करेगा। इससे हिमाचल के लोगों की भी आने वाले समय में हिमाचल में भी ऐसी व्यवस्था लागू होने की उम्मीद आम आदमी पार्टी से लग गई है जिसके लिए आप कार्यकर्ता सड़क से सदन तक सरकार को जगाने का काम करेगी।

बैकडोर भर्तियों से गिरा शिक्षा का स्तर, सरकार की फूलिश पॉलिसी सब पर भारी

हिमाचल में शिक्षकों की बैक डोर से भर्तियां हुई है। जिसका सीधा असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ा है। वोट बैंक पॉलिटिक्स के तहत अपने लोगों को जो कि उस विषय को पढ़ाने में पात्र नहीं थे, उन्हें वो विषय पढ़ाने लगाया गया। एक कॉलेज लेक्चरर को एसडीएम भर्ती कर रहा है। सारी सरकारें अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने की कोशिश करती है। 
उन्होंने कहा कि जो हो गया वो गया लेकिन सरकार की फूलिश पॉलिसी से जो शिक्ष लगे हैं उन्हें री ट्रेनड करने की जरूरत है। इंफ्रास्ट्रक्चर में स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के भवनों को सुधारना जरूरी है। ऐसे में जब सरकार की फूलिश पॉलिसी से स्टेट सफर कर रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना जरूरी है। आउटसोर्स पर भी भर्तियां बंद होनी चाहिए।

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