जल्द होगा शिक्षकों की समस्याओं का निपटारा, SMC, कम्प्यूटर शिक्षक, DPE, JBT, NTT सहित शिक्षकों की 33 मांगों पर हुआ मंथन

शिमला टाइम

हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की बैठक निदेशक प्रारंभिक शिक्षा एवम निदेशक उच्च शिक्षा हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ संपन्न हुई । अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रेरणा से हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा प्रदेश का शिक्षकों का सबसे बड़ा संगठन होने के नाते विभिन्न आग्रहों को पूरा करवाने के उद्देश्य से बैठक का आयोजन निदेशालय में किया गया ।
इस बैठक में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव (माध्यमिक संवर्ग) पवन मिश्रा विशेष रूप से उपस्थितरहे । इस बैठक में हिमाचल प्रदेश शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने निदेशक एवं बैठक में उपस्थित निदेशालय के कर्मचारियों सहित सभी पदाधिकारियों का स्वागत किया ।प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार एवं संगठन मंत्री विनोद सूद सहित विभिन्न पदाधिकारियों ने मीटिंग के एजेंडे पर चर्चा की।
प्रांत मीडिया प्रमुख हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ शशि शर्मा ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि इस बैठक में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के साथ शिक्षा विभाग से जुड़े विभागों पर सार्थक चर्चा हुई । निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के साथ निम्नलिखित विभिन्न आग्रहों को पूरा करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।

इस बैठक में जिन आग्रहों पर चर्चा हुई उनमें 2555 एस.एम्.सी अध्यापको को नियमित कर शिक्षा विभाग में समायोजित
करे ।
प्रदेश में 2003 से पूर्व पेंशन की योजना को लागू किया जाये ।
शिक्षा विभाग में 20 वर्षो से कार्यरत कम्पुटर शिक्षकों के लिए तर्कसंगत नीति बनाकर विभाग अपने अधीन लें ।
प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में काम कर रहे सभी डी पी ई को प्रवक्ता फिजिकल एजुकेशन का दर्जा दिया जाये ।
सभी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में वाईस प्रिंसिपल के पद सृजित किये जाये तथा वितीय लाभ दिए जाएं ।
वर्ष 2000 में नियुक्त विद्या उपासकों के पक्ष में माननीय न्यायालय द्वारा देय वेतन वृद्धि को लागू करने बारे ।
2002 में कमीशन प्राप्त टीजीटी को पूर्व सरकार ने प्रताड़ित करने के बाद उनकी नियुक्ति 2008 में की गई, को कोर्ट के आदेश अनुसार 2003 से नियमित माना जाये ।
प्रदेश के सभी प्री प्राइमरी विद्यालयों में एन टी टी अध्यापकों की नियुक्ति नियमित आधार पर की जाये ।
मंडी जिला में नॉकरी से निकाले गए 5 भाषा अध्यापकों को बहाल किया जाए।
सभी माध्यमिक विद्यालयों में शारिरिक व कला शिक्षकों के पदों को भरा जाये तथा योग्यता प्राप्त सभी शारीरिक/कला/ उर्दू और पंजाबी अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा दिया जाये।
लेफ्ट आउट पी टी ए अध्यापकों को नियमित किया जाये । मंडी जिला में निकाले गये पी टी ए शिक्षकों को और कुल्लू जिला में निकले गये एस एम सी अध्यापकों को बहाल किया जाये।
2014 में नियुक्त 11 कॉमर्स के प्रवक्ता बीएड की शर्त लगाने के कारण नियमित नहीं हो पाए, उन्हें 2010 में नियुक्त कॉमर्स प्रवक्ताओं की तरह छूट देकर नियमित किया जाये ।
ईजीएस/एन एस आर टी पर नियुक्त शिक्षकों को सरकार ने जेबीटी कांट्रेक्ट पर नियुक्त किया है परन्तु कुछ जिलों में सेंटर बंद होने के कारण जेबीटी कांट्रेक्ट में आने से रह गये थे। इन शिक्षकों को एक मुश्त छूट प्रदान कर जेबीटी कांट्रेक्ट पर लाया जाये ।
प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के अधीन प्रशिक्षित स्नातक कैडर, सी एंड वी, प्रधानाचार्य को उच्च शिक्षा निदेशक के अधीन किया जाये ।
सभी नये अपग्रेड हुए वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में प्रवक्ता फिजिकल के पद् सृजित किये जाये। सभी विद्यालयों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए पीटीआई के पदों को सृजित किया जाये ।
प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मेडिकल अदायगी के स्थान पर कैशलेस सुविधा का प्रावधान किया जाये। इससे सरकार की आर्थिक बचत के साथ साथ फ्रॉड मेडिकल बिलों पर भी रोक
लगेगी ।
प्रदेश के कर्मचारियों को मैटरनिटी अवकाश के दौरान नियमितीकरण होने पर ज्वाइन करने के बाद मिलने वाली छुट्टियों को यथावत रखा जाये । क्योंकि जब छुट्टियों के नियम बनाये थे तब प्रदेश में अनुबंध निति नहीं होती थी ।
प्रदेश के कर्मचारियों को मिलने वाली अर्जित अवकाश में लीव इन केश्मेंट 300 तक सिमित है और उसके बाद कर्मचारियों द्वारा छुट्टियाँ न लेने पर खुद लैप्स हो जाती है, जो सरासर गलत है। कर्मचारियों को 300 के ऊपर छुट्टियों को लेप्स न करे और उन्हे मेडिकल इमरजेंसी/ जरूरत पड़ने पर उपयोग में लाने के लिए सुविधा प्रदान की जाये।
प्रदेश के शिक्षकों की सेवानिवृति आयु साल में एक या दो बार फिक्स की जाये, जिससे प्रदेश में खाली पदों वाले विद्यालयों में शिक्षकों की कमी पूरी की जा सके, तथा नई नियुक्ति के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
प्रदेश के शिक्षकों को एक विद्यालय में काम करने का समय पांच वर्ष किया जाये।
विद्यालयों में कंप्यूटर विषयों के साथ साथ फिजिकल विषय के आप्शन को भी रखा जाये ।
टीजीटी से प्रवक्ता की प्रमोशन हेतु लगी 50% की शर्त को पुराने अध्यापको में एक्मुश्द छूट दी जाये ।
प्रदेश के सभी उच्च /वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में भाषा अध्यापक और नये अपग्रेड स्कूलो में प्रवक्ता फिजिकल के पद सृजित किये जाये।
शिक्षा विभाग में काम करने वाले शिक्षको की सेवानिर्वित आयु 58 वर्ष से बढ़ा कर 60 वर्ष की जाये।
प्रदेश के विद्यालयों में जहाँ विज्ञानं विषय की कक्षाए खोली जा रही है वहां सिर्फ नॉन मेडिकल को शुरू किया जा रहा है जिससे मेडिकल पढ़ने वाले विद्यार्थियों को वंचित रहना पढ़ रहा है । प्रदेश सरकार को नॉन मेडिकल के साथ साथ मेडिकल विषय की कक्षाओं को शुरू करना चाहिए ।
जेबीटी, सीएंडवी से टीजीटी, टीजीटी से प्रवक्ता और टीजीटी /प्रवक्ता से मुख्याध्यापक/ प्रिंसिपल की प्रमोशन की लेफ्ट आउट लिस्ट सहित प्रमोशन की लिस्ट जारी की जाये।
हिमाचल प्रदेश के सभी प्राथमिक केंद्र विद्यालयों में आईसीटी लैब/कंप्यूटर सुविधा दी जाये।
प्रत्येक प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा प्रति अध्यापक की नियुक्ति की जाये
सरकारी विद्यालयों में कार्यरत कला और विज्ञान अध्यापको को प्रवक्ता आईपी के पदों पर प्रमोशन हेतु लगी पांच वर्ष (अनुभव) की शर्त को हटाया जाये, क्योकि विद्यालय में नियुक्त शिक्षक अपने अपने विषय को पढ़ा रहे है।
जेबीटी कमीशन और बैचवाइज भर्ती की प्रक्रिया को जल्द से जल्द वर्तमान R&P रुल के अनुसार पूरा किया जाये।
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में जेबीटी के 3301,मुख्यशिक्षक के 259, केंद्र मुख्यशिक्षक के 53 खली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएँ।
हिमाचल प्रदेश के कई विद्यालयों में भाषा अध्यापक के पद सृजित नही है जो हमारी राष्ट्रीय हिंदी भाषा का अपमान है । प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में भाषा अध्यापक/ टीजीटी (हिंदी), टीजीटी (संस्कृत ) के पद सृजित किये जाये ।
प्रदेश में कमीशन पास सभी भाषा अध्यापकों / शास्त्री अध्यापको की नियुक्ति दी जाये ।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत के कार्यकारिणी के सभी जिलों के जिला अध्यक्ष महामंत्री और उपाध्यक्ष एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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