3 लाख का झोलमाल करने वाले 2 साल बाद सामने भी आए तो चाटुकारिता का प्रमाण देने, वीरेंद्र चौहान बोले- 34 हज़ार शिक्षकों का हमें समर्थन

शिमला टाइम

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का दावा करने वाले एक गुट को वीरेंद्र चौहान ने जवाब दिया है है। वीरेंद्र का कहना है कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की किसी भी तरह की कोई बैठक प्रस्तावित नहीं थी और ना ही उनको इसकी कोई जानकारी है।
चौहान ने कहा कि संविधान के अनुसार किसी भी तरह की प्रदेश कार्यकारिणी या प्रदेश की आम सभा की कोई बैठक यदि प्रस्तावित की जानी है तो उसके आदेश और अनुमति प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा ही दी जाती है और बिना प्रदेश अध्यक्ष की अनुमति के किसी भी तरह की कोई बैठक या चर्चा संघ के दायरे में नहीं आती है।
आज जिन लोगों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और अपने आप को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का होने का दावा किया है उनकी सच्चाई आपके समक्ष लाना बहुत ही आवश्यक है यह वह लोग हैं जो संगठन को कमजोर करने का पिछले 3 सालों से लगातार काम कर रहे हैं 2 साल पहले जब बच्चों की परीक्षा को लेकर एक शो कॉज नोटिस विभाग द्वारा जिला शिमला के प्रधान महावीर कैंथला, कैलाश ठाकुर और वीरेंद्र चौहान को दिया गया तो उसी वक्त कैलाश ठाकुर और महावीर कैथला ने संगठन को अलविदा कह दिया और लगातार 2 वर्षों से अधिक अंतराल में किसी भी तरह की राज्य कार्यकारिणी की बैठक या प्रेस कॉन्फ्रेंस या और तरह की चर्चाओं में भाग नही लिया और ना ही कर्मचारी और शिक्षक के कोई भी मुद्दे प्रेस के माध्यम से उजागर किये।
यहां तक कि जिला शिमला के प्रधान महावीर कैंथला ने तो संगठन के लगभग ₹300000 जो मेंबरशिप के माध्यम से जिला शिमला के हिस्से मे आए थे उसका अभी तक कोई खाता नहीं खोला है और वह पैसे भी अपने पास ना जाने कहां पर रखे हैं और उसका दुरूपयोग किया गया है और बार-बार प्रदेश अध्यक्ष द्वारा उसका हिसाब किताब या उसके लिए ज्वाइंट अकाउंट खोलने की बात कहने पर उन्होंने उससे पल्ला झाड़ दिया और आज भी वह पैसा ना जाने कहां है उसका कोई एकाउंट नहीं है और ना ही 3 वर्षों से जिला शिमला की कोई बैठक हो पाई है इस को लेकर प्रदेश अध्यक्ष को मजबूरन शिमला में एक अडॉक्क बॉडी की अधिसूचना कुछ दिन पहले जारी की है इसी तरह से हमीरपुर और कांगड़ा में भी जिला अध्यक्षों के द्वारा किसी तरह की गतिविधियां ना करने और राज्य कार्यकारिणी की बैठक में भाग न लेने पर वहां की कार्यकारिणी को भी बदल दिया गया थाl
उन्होंने कहा कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के महासचिव श्याम लाल हांडा और वित्त सचिव देव राज ठाकुर ने पिछले ढाई सालों से प्रदेश की किसी भी तरह की गतिविधियों या बैठकों में भाग नहीं लिया और न ही किसी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में या विभागीय स्तर पर मुद्दों को उठाने मे अपनी भागीदारी सुनिश्चित की और ना ही सरकार या विभाग के समक्ष मुद्दे उठाने में अपना कोई योगदान दिया यह लोग पूरी तरह से निष्क्रिय होकर सरकार के गुणगान में लीन थे और अपनी ट्रांसफर अपने मनपसंदीदा स्थानो पर करवाने मे व्यस्त रहे।
इसलिए संगठन ने इन लोगों पर ध्यान देना छोड़ दिया था इनकी अनुपस्थिति में भी लगातार राज्य कार्यकारिणी की बैठक और प्रेस कॉन्फ्रेंस लगातार होती रही उसके बावजूद आज यह कहना कि वीरेंद्र चौहान की अनुपस्थिति में कार्यकारी अध्यक्ष बनाएं । उन्होंने कहा कि पहले तो इस तरह की कोई भी बैठक नहीं हुई है और ना ही किसी चुने हुए किसी जिला के प्रधान ने उस में भाग लिया है जिस तरह से यह लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह दावा कर रहे हैं उसका कोई तार्किक अर्थ नहीं है क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष को बनाने में हिमाचल प्रदेश के 34000 मेंबर सम्मिलित है जिनके सदस्यता अभियान के बाद वर्ष 2019- 22 के लिए वीरेंद्र चौहान प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुना गया है जिसका कार्यकाल 10 नवंबर 2022 तक रहेगा तब तक प्रदेश अध्यक्ष को बदलने का अधिकार केवल और केवल मात्र 34000 शिक्षकों की आम सभा को ही है केवल और केवल मात्र शिक्षकों की आमसभा ही इस तरह के निर्णय लेने के लिए संविधान के अनुसार अधिकृत हैं तो यह कहना कि 4 लोग किसी संवैधानिक पद पर आसीन प्रधान को हटाकर अपने आप को प्रधान बन जाए तो यह बहुत बड़ा भद्दा मजाक है जिसका कोई आधार नहीं है।


वीरेंद्र ने कहा कि राजकीय अध्यापक संघ इस तरह की प्रेस कॉन्फ्रेंस से कोई वास्ता नहीं रखता है और यह वह लोग हैं जो बहुत पहले संगठन को छोड़ गए हैं और 3 साल बाद संगठन के नाम पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का कोई औचित्य नहीं बनता और ना ही उसका कोई आधार है और हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के राज्य कार्यकारिणी की बैठक जल्दी ही प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में निर्धारित की जाएगी जिसमें आगामी रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी l
चौहान ने यहां तक आरोप लगाया कि यह लोग प्रदेश अध्यक्ष के स्थानतरण और उनके उपर सरकार द्वारा जो तानाशाही रवैया अख्तियार कर प्रताड़ित किया गया है उस खुशी को जाहिर करने के लिए ही केवल और केवल मात्र आज प्रेस में आए और सरकार को यह बताने के लिए कि हम आपके चाटुकार लोग हैं और हमारा वीरेंद्र चौहान से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि कुछ दिन पहले जिस तरह से कैलाश ठाकुर का तबादला हो गया था और वह सरकार के समक्ष मुख्यमंत्री को यह बताने के लिए गए थे कि हम वीरेंद्र चौहान के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे और हमारा उससे कोई वास्ता नहीं है आप कृपया हमारी ट्रांसफर कैंसिल कर दो इसलिए उनका वह तबादला हाल ही में रद्द किया गया है उसका यह एक जीता जागता प्रमाण भी मे आप सब को दे रहा हूँ l
प्रदेश अध्यक्ष ने इस बात पर हैरानी व्यक्त की कि उक्त नेता यदि सच में कर्मचारी नेता होते तो आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कर्मचारियों के मुद्दों पर और वेतन विसंगति पर जरूर प्रकाश डालते उसके लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करते तो ज्यादा बेहतर होता ना कि वीरेंद्र चौहान के खिलाफ बयान बाजी करने के लिए यह प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं इससे उनके मंसूबे पूरे नहीं होने वाले हैं।

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