शिमला टाइम
कोरोना काल में सबसे ज्यादा अगर कोई कारोबार प्रभावित हुआ है तो वह है हिमाचल का पर्यटन व्यवसाय। कोरोना और कर्फ्यू के बीच में हिमाचल प्रदेश का पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है।
पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग अब सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं । करीब 1 महीने से ज्यादा वक्त से पर्यटन कारोबार के ठप हो जाने के बाद हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को करोड़ों का नुकसान हो गया है और आने वाले कुछ महीनों में दोबारा पर्यटन कारोबार शुरू होने की संभावना बिल्कुल नहीं है ।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिमला होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज अपने बातों को लेकर मुख्यमंत्री से मिला और मुख्यमंत्री के सामने कारोबार को लेकर आ रही परेशानियों और आगे कैसे होटल और पर्यटन इंडस्ट्री को जिंदा रखा जा सकता है इसको लेकर सरकार को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए ।
होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार से इस मुश्किल वक्त में सहयोग की पूरी उम्मीद है और पर्यटन कारोबारी सरकार के सभी आदेशों की पालना करते आ रहे हैं ।
ऐसे में होटल कारोबारी जहां सरकार के बताए सभी सुझाव का पालन कर रहे हैं तो वहीं अपने कर्मचारियों को कारोबार बंद होने के बाद भी वेतन और सभी सुविधाएं देने के लिए वचनबद्ध है।
लेकिन कारोबार बंद हो जाने के बाद पर्यटन कारोबार पर एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है जिसको लेकर अब कारोबारियों के सामने अब एक इस उद्योग को ज़िंदा रखने के लिए चुनौती है।
इसी विषय को लेकर कारोबारियों ने आज मुख्यमंत्री से बिजली के बिल पानी के बिल और अन्य तरह के टैक्स में छूट देने की मांग उठाई है ।
पर्यटन कारोबारियों का यह भी कहना है कि वह इस मुश्किल घड़ी में सरकार की हर तरह से मदद करना चाहते हैं लेकिन वित्तीय मुश्किलों के चलते उन्हें भी सरकार से उम्मीद बंधी हुई है ।
पर्यटन कारोबार से जुड़े होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि होटल कारोबार पहली बार इतनी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है के इसके करीब 1 साल तक पटरी पर आने की संभावना ना के बराबर है।
ऐसे में होटल और पर्यटन कारोबार से जुड़े हजारों लाखों लोगों को सरकार से सहयोग और समर्थन की उम्मीद है।
होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और समझा है मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि सरकार पूरी गंभीरता से होटल कारोबारियों की समस्याओं को लेकर कोई रास्ता जरूर निकालेगी और इस उद्योग को जिंदा रखने के लिए हर संभव सहयोग भी करेगी।