एप्पल न्यूज़, शिमला
भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा राज्य में लोक संस्कृति के प्रोत्साहन के दृष्टिगत सांस्कृतिक नीति बनाने के लिए आज यहां प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के कला क्षेत्र से जुड़े हितधारकों की बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी समृद्ध लोक संस्कृति और लोक कलाओं के जाना जाता है तथा इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए आवश्यक है कि हिमाचली कलाकारों को हर मंच पर तथा सभी लोक विधाओं को प्रोत्साहन दिया जाए।
उन्होंने सभी हितधारकों से कहा कि राज्य में सांस्कृतिक नीति बनाने के लिए अपने ठोस सुझाव दें ताकि लोक संस्कृति के प्रोत्साहन को नई दिशा मिल सके।
उन्होंने कहा कि कलाकारों की चयन प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाएगा और सभी लोक आयोजनों में हिमाचली कलाकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
सचिव भाषा एवं संस्कृति विभाग डॉ. पूर्णिमा चौहान ने बताया कि प्रदेश में कलाकारों के पंजीकरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने सभी कलाकारों से आग्रह किया कि वे अपनी-अपनी विधाओं से संबंधित अपने ज़िले में ज़िला भाषा अधिकारी कार्यालयों में पंजीकरण करवाएं। शिमला ज़िला में ज़िला भाषा अधिकारी के अतिरिक्त गेयटी थियेटर में भी पंजीकरण करवाया जा सकता है।
बैठक में उपायुक्त शिमला राजेश्वर गोयल भी उपस्थित थे।