वन विकास निगम की 45वीं वार्षिक बैठक में वन मंत्री बोले- गैर किफायती लकड़ी का होगा सही उपयोग

शिमला टाइम
वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने यहां बताया कि हिमाचल सरकार ने गिरे व सूखे पेड़ों के लिए जुलाई 2018 में एक नई नीति बनाई और इसके तहत अधिसूचना जारी की, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि गैर किफायती समझे जाने वाले हजारों पेड़ों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा, बल्कि इसका दोहन करके इसका उपयोग टीडी, सरकारी भवनों, चिड़िया घरों व वन निगम की फर्नीचर वर्कशाॅप में किया जाएगा, जिससे वन निगम की गैर किफायती लकड़ी का सही उपयोग हो सके।

यह बात गोविन्द ठाकुर ने वन विकास निगम लिमिटेड की वार्षिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
 उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में वन निगम की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है व निगम का घाटा जोकि वर्ष-2016-17 में 3443 लाख रुपये था, वर्ष 2018 में घटकर 1658 लाख रुपये रह गया है। उन्होंने कहा कि नाहन एवं बिलासपुर तारपीन कारखनों का जीर्णोद्वार किया जा रहा है, जिसके लिए  राशि की क्षमता बढ़ाकर 65 लाख रुपये कर दी है। उन्होंने कहा कि बिरोजा तथा तारपीन के तेल की बिक्रय दरों का युक्तिकरण कर इस वर्ष 4262 लाख रुपये का बिरोजा एवं तारपीन का तेल बेचा गया है। इन सुधारों के चलते वन निगम ने 2804 लाख रुपये की राॅयल्टी अदा की है, जो वर्ष 2017 की तुलना में 2300 लाख रुपये अधिक है।
उन्होंने कहा कि वन निगम ने 214 पात्र सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 805 लाख रुपये का अवकाश नगदीकरण (लीव एन केशमेंट), 196 सेवानिवृत कर्मचारियों को 3334 लाख रुपये का गे्रज्युटी, 1700 कर्मचारियों को 3 प्रतिशत महगाई भत्ता जारी कर दिया गया है, जोकि पिछले कुछ वर्षों वन निगम के घाटे के कारण नहीं दिया गया था। इसके अतिरिक्त कर्मचारियों का 600 लाख रुपये अन्तरिम राहत प्रदान कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि नाहन की रोसिन और तारपीन फैक्टरी में नियुक्त कोलमेन और फायरमेंनों की प्रोत्साहन राशि 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये प्रतिदिन कर दी है। उन्होंने कहा कि निगम में कर्मियों की कमी को ध्यान में रखते हुए चार सेवानिवृत्त अधिकारियों को निगम के कार्य के लिए नियुक्त किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) राम सुभग सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार वन निगम के टर्नओवर को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए वन विभाग एवं निगम द्वारा दीर्घकालीन रणनीति तैयार की जा रही है।
उन्होंने कहा कि निगम द्वारा 15 लिपिकों, 50 वन रक्षकों, दो ब्लाॅयलर संचालक, दो आरा संचालक और एक विद्युत कर्मचारी को सीधी भर्ती से नियुक्त किया जाएगा।
हिमाचल राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के उपाध्यक्ष सूरत नेगी, हिमाचल सरकार के विशेष सचिव वित्त एवं निदेशक डी.डी. शर्मा, निदेशक के.एस. ठाकुर, हिमपाल सिंह राणा, विनय कुमार, राम कुमार, देवेन्द्र सिंह, नरेश चन्द, प्रबन्ध निदेशक बी.डी. सुरयाल व अन्य गणमान्य भी बैठक के दौरान उपस्थित थे।  

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