आउटसोर्स पॉलिसी के खिलाफ सड़कों पर संयुक्त बेरोजगार मंच, बैक डोर भर्ती करने का आरोप, मांगे न मानने पर करेंगे चुनाव का बहिष्कार

शिमला टाइम

चुनावी साल में हिमाचल प्रदेश में हर वर्ग अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर रहा है। बुधवार को संयुक्त बेरोजगार प्रशिक्षित मंच सरकार की ओर से प्रस्तावित आउटसोर्स पॉलिसी के विरोध में सड़कों पर उतर आया है। मंच का कहना है कि सरकार पढ़े-लिखे युवाओं को गुमराह करने का काम कर रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वोट बैंक को देखते हुए आउट सोर्स पॉलिसी पर काम कर रही है, जबकि सरकार को प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने के बारे में सोचना चाहिए। बेरोजगार प्रशिक्षित मंच का कहना है कि यदि सरकार मांगे नहीं मानती है, तो आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

संयुक्त बेरोजगार प्रशिक्षित मंच के अध्यक्ष बालकृष्ण ठाकुर ने कहा कि सरकार वोट बैंक को देखते हुए सरकार आउटसोर्स भर्तियां कर रही है, जबकि प्रदेशभर में लाखों ऐसे प्रशिक्षित युवा बेरोजगार हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पहले बैक डोर से भर्तियां करती है और बाद में वोट बैंक की वजह से पॉलिसी लाने का काम करती है। संयुक्त बेरोजगार मंच की मांग है कि सरकार आउटसोर्स पॉलिसी भर्तियां बंद कर स्थाई नियुक्तियां कर्मचारी चयन आयोग करे। संयुक्त बेरोजगार मंच ने आक्रोश पद यात्रा के जरिए सरकार को 20 सूत्रीय मांग पत्र में सभी भर्तियां कर्मचारी चयन आयोग की प्रक्रिया के तहत ही करने का आह्वान किया है।

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