शिमला टाइम
हिमाचल भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी प्रशासन
एक लाख सरकारी नौकरियां देने का फ़ैसला मंत्रिमंडल की पहली बैठक में लिया जाएगा.
जयराम सरकार द्वारा राजनीतिक आधार पर कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के लिए किए गए सभी स्थानांतरण रद्द किए जाएंगे.
ग्रामीण इलाक़ों में सड़कें बनाने के लिए अभी ग्रामीणों को गिफ़्ट-डीड बनाकर देना पड़ता है. कांग्रेस की सरकार ग्रामीण सड़कों के लिए भू-अधिग्रहण कानून लागू कर भू-स्वामियों को चार गुना मुआवज़ा देने का प्रावधान करेगी.
खेती और बागवानी
कांग्रेस की सरकार कृषि एवं बागवानी आयोग का गठन करेगी जिसमें किसानों और बागवानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. किसानों और बागवानों की सलाह से यह आयोग फलों की क़ीमत तय करेगा.
आयोग की सलाह पर हर कैटेगरी के सेब के लिए एक न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा. इससे कम दाम पर किसी को भी सेब ख़रीदने पर रोक लगा दी जाएगी. चाहे वह अडानी की कंपनी ही क्यों न हो.
सोलन ज़िले में एक फूड प्रोसेसिंग पार्क बनाया जाएगा.
डेयरी विकास, पशुपालन, मत्स्य पालन
हर पशुपालक से हर दिन दस किलो दूध सरकार की ओर से ख़रीदा जाएगा. इससे पशुपालकों को प्रोत्साहन भी मिलेगा और आवारा पशुओं की समस्या भी कम होगी.
पशुपालकों से दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर ख़रीदा जाएगा. इस गोबर से वर्मी कंपोस्ट में बदलने के लिए पंचायत के स्तर पर व्यवस्था बनाई जाएगी.
पशु चारा के लिए विशेष अनुदान मिलेगा.
प्रति घर में 4 गायों तक की खरीद पर सब्सिडी.
पर्यटन
नई पर्यटन नीति
गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘स्मार्ट विलेज’ परियोजना शुरु की जाएगी. इन गावों में पर्यटन की आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगीं.
टैक्सी सेवाएं पर्यटन का अभिन्न अंग हैं और पिछले पांच वर्षों में टैक्सी चालकों की स्थिति दयनीय सी हो गई है. कांग्रेस सरकार टैक्सी व्यवसाय में आने वाले युवाओं के लिए कम ब्याज़ दरों पर ऋण उपलब्ध करवाने से लेकर बीमा योजना लागू करने जैसी नई योजनाएं लाएगी.
टैक्सी की परमिट की अवधि 10 की जगह 15 साल की जाएगी.
धार्मिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और ढांचागत विकास के लिए विधायकों को देव भूमि विकास निधि के तहत बजट आबंटित किया जाएगा.
परिवहन व्यवस्था
कांग्रेस सरकार अगले पांच वर्षों में 5,000 किलोमीटर की नई सड़कें बनाएगी. जिससे कि हिमाचल के हर इलाक़े तक आवागमन आसान हो सके.
सभी प्री- कोविड एचआरटीसी रूट तत्काल प्रभाव से शुरू किए जाएंगे.
ट्रक व टैक्सी यूनियन की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक तुरंत विचार किया जाएगा. यूनियन की ट्रकों को बिकने से रोका जाएगा. इस संबंध में अदालत द्वारा दिए गए निर्णय के ख़िलाफ़ अपील की जाएगी.
रेल परिवहन
भानुपल्ली-बिलासपुर रेल परियोजना को जल्द से जल्द पूरा कराने के प्रयास किए जाएंगे.
बद्दी-चंडीगढ़ फ़ास्ट रेल कॉरिडोर को यथाशीघ्र पूरा करवाने का प्रयास किया जाएगा जिससे उद्योग-धंधे और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिल सके.
पठानकोट-जोगिंदर नगर और कालका-शिमला रेल लाइनों का सुधार कर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा.
वन एवं पर्यावरण संरक्षण
नई वन व पर्यावरण नीति
जंगल, जल और जीव की सुरक्षा के लिए वन संरक्षण अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा.
उद्योग
कांग्रेस सरकार पूरे हिमाचल में खाद्य प्रसंस्करण (फ़ूड प्रोसेसिंग) के छोटे, मंझोले और बड़े उद्योग स्थापित करेगी. इसके लिए विशेष औद्योगिक पैकेज दिए जाएंगे.
सोलन में मशरूम, सेब और टमाटर व साग-सब्ज़ियों के प्रसंस्करण के लिए ‘स्पेशल फूड पार्क’ की स्थापना की जाएगी
उद्योगों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध
न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिदिन की जाएगी.
फल व सब्ज़ियों को बाज़ार तक सुचारू रूप से पहुंचाकर उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए ‘वेजिटेबल एंड हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग फ़ेडरेशन’ का गठन किया जाएगा.
नोटबंदी और कोरोना काल में बीमार हो गए या बंद हो गए उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए विशेष पैकेज दिया जाएगा.
बिजली
हर घर को 300 यूनिट बिजली मुफ़्त दी जाएगी. यूनिट का हिसाब इस तरह से रखा जाएगा कि ज़्यादा ख़तप करने वालों को भी इस छूट का लाभ मिल सके. इससे ग़रीब व मध्यमवर्गीय परिवारों को प्रति माह कुछ बचत हो सकेगी जिससे वे महंगाई से लड़ सकें.
विद्युत परियोजना से प्रभावित परिवारों को रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा.
नई विद्युत परियोजनाओं में प्रभावित परिवार के कम कम एक सदस्य को रोज़गार की 100 प्रतिशत गारंटी दी जाएगी.
ग्रामीण विकास
पूरे हिमाचल में बीपीएल मुक्त घोषित पंचायतों में पुन: सर्वे करवाकर बीपीएल परिवारों की सूची अपडेट की जाएगी.
ग्रामीण स्तर पर सूक्ष्म व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई जाएगी, जिससे कि ‘रूरल इंडस्ट्रियल पार्क’ विकसित किए जा सकें.
शहरी विकास
पिछले पांच सालों में भाजपा सरकार ने पार्किंग की समस्या को अनदेखा करके इसे एक विकराल समस्या का रूप दे दिया है. कांग्रेस सरकार प्रत्येक नगर में जनसंख्या एवं आकार के अनुसार नए पार्किग स्थल विकसित करेगी.
मनरेगा की तर्ज पर शहरी आजीविका योजना लागू की जाएगी. मनरेगा की तरह इसे कानून बनाया जाएगा और शहरी बेरोजगारों को काम मांगने का हक़ मिलेगा.
सभी नगर निगमों में तीन बड़े पार्क विकसित किए जाएंगे जिनमें जॉगिंग ट्रैक और आउटडोर जिम उपकरण शामिल होंगे
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले
प्रदेश के कठिन एवं दुर्गम स्थानों पर मोबाइल वैन पर राशन दुकान की योजना बनाई जाएगी.
राशन दुकानों के लिए वन टाइम लाइसेंस की व्यवस्था की जाएगी.
राशन डिपो धारकों का मासिक मानदेय बढ़ाकर 20,000 किया जाएगा.
खनन
पिछले पांच साल में भाजपा सरकार ख़ुद खनन माफ़िया बन बैठी और तमाम खनन अपराधियों को संरक्षण देती रही. अवैध खनन की वजह से चक्की का पुल जिस तरह से गिरा है वह इसका उदाहरण है. कांग्रेस की सरकार इन खनन माफ़ियाओं को ठिकाने लगाया जाएगा और प्राकृतिक संसाधनों की लूट बंद की जाएगी
अवैध खनन को में शामिल किसी भी व्यक्ति पर कड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.
जल संसाधन
ग्लोबल वार्मिंग और बदलते मौसम के चलते पानी की कमी एक ज्वलंत मुद्दा है. पारम्परिक जल स्त्रोतों के भंडारण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग की नई नीति बनाई जाएगी.
हिमाचलियत
संस्कृति एवं परंपराएं
हिमाचली संस्कृति व परंपराओं से नई पीढ़ी और बाहर से आने वाले पर्यटकों को परिचित करवाने के लिए राजधानी शिमला में एक ‘मानव संग्रहालय’ स्थापित किया जाएगा.
हर प्रमुख पर्यटन स्थल पर एक हस्तशिल्प व अन्य पारंपरिक कलाओं को प्रदर्शित करने के लिए ‘हिमाचली-हाट’ की स्थापना की जाएगी.
हिमाचली व्यंजन व भोजन को लोकप्रिय बनाने के लिए हर पर्यटन स्थल पर कम से कम एक ‘हिमाचली-रसोई’ खोली जाएगी.
पालमपुर में युद्ध संग्रहालय बनाया जाएगा क्योंकि यह भारत का एकमात्र स्थान है जहां तीन सर्वोच्च वीरता पुरस्कार विजेता (पीवीसी और अशोक चक्र) हैं
साहित्य, भाषा और बोली
हिमाचली भाषा के मानकीकरण की संभावनाओं पर विचार करने के लिए भाषा विज्ञानियों की एक समिति बनाई जाएगी.
देवस्थान और तीर्थयात्राएं
कांग्रेस सरकार सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक परिचारक के साथ चार वर्ष में एक बार तीर्थयात्रा का खर्च उठाएगी. यह तीर्थयात्रा देश के किसी भी स्थान के लिए हो सकेगी.
प्रदेश के मंदिरों के जीर्णोद्धार व नवीनीकरण के लिए बजट का प्रावधान करके राशि उपलब्ध करवाई जाएगी.
राज्य समर्थित मंदिरों के वार्षिक अनुदान को दोगुना किया जाएगा.
मंदिरों के पुजारियों को दिए जाने वाले मानदेय को दोगुना किया जाएगा.
धार्मिक पर्यटन को मजबूत बनाने के लिए पर्यटन सर्किट बनाया जाएगा.
हम
महंगाई और बेरोज़गारी के समय में हम
कांग्रेस सरकार महंगाई से निपटने के लिए लोगों के जेबों में पैसा डालने का कार्य करेगी. पुरानी पेंशन योजना लागू करके, महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देकर और 300 यूनिट बिजली मुफ़्त देकर हम लोगों की जेब में पैसा डालने का प्रयास कर रहे हैं.
महिला सशक्तिकरण
18 से 60 वर्ष तक की महिलाओं को हर माह 1500 रुपए दिए जाएंगे.
महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय में एक ‘शक्ति विभाग’ बनाएंगे जो विशेष रूप से महिला स्व-सहायता समूहों के साथ काम करेगा.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए विधवा, 40% से अधिक विकलांग, एकल नारी व असहाय श्रेणी में आने वाली महिलाओं को हर प्रकार की आय सीमा में छूट दी जाएगी.
बीपीएल परिवारों व विधवाओं की बेटियों को विवाह के लिए अनुदान राशि को बढ़ाया जाएगा.
युवा व खेल-कूद
कांग्रेस सरकार हिमाचल में ‘युवा आयोग’ का गठन करेगी.
प्रदेश भर में पारंपरिक खेलों का एक वार्षिक आयोजन किया जाएगा.
रोजगार
सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली मीटिंग में एक लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगीं. इससे प्रदेश में रिक्त पड़े सरकारी पद भी भर जाएंगे और युवाओं को नए अवसर मिलेंगे.
प्रदेश में कुल पांच लाख युवाओं को रोज़गार दिलवाया जाएगा.
हर विधानसभा में 10 करोड़ रुपयों यानी पूरे प्रदेश में 680 करोड़ रुपयों के युवा स्टार्ट-अप फंड की स्थापना की जाएगी. इससे अपना उद्योग या कारोबार स्थापित करने वाले युवाओं को शून्य प्रतिशत ब्याज पर धन उपलब्ध हो सकेगा.
एक ‘भर्ती विधान’ तैयार किया जाएगा जिसमें किसी नौकरी के लिए विज्ञापन जारी होने के छह महीनों के भीतर नियुक्तियां देना अनिवार्य बनाया जाएगा.
प्रदेश के निजी उद्योगों में 80% हिमाचल के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने की नीति को प्रभावी रूप से लागू करवाया जाएगा.
विभागों, निगमों, बोर्डों में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए अलग से नीति बनाई जाएगी.
मनरेगा के तहत कार्य दिवस बढ़ाकर 150 दिन किए जाएंगे.
वरिष्ठ नागरिक
वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोत्तरी की जाएगी. 75 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को विशेष सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी.
कर्मचारी कल्याण
सरकार के गठन के तुरंत बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) लागू करेंगे.
कर्मचारियों को देय एरियर्स का निश्चित समयावधि में भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा.
आउट सोर्स कर्मचारियों के लिए एक नई पारदर्शी नीति बनाई जाएगी.
संविदा या कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमित भर्ती में बोनस अंक देकर प्राथमिकता दी जाएगी.
कर्मचारियों के वेतन, भतों की बढ़ोतरी व पदोन्नति को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.
पुलिस की समस्त कॉन्ट्रैक्ट नियुक्तियां 8 वर्ष की जगह 2 वर्ष में नियमित की जाएंगीं.
पेंशनभोगी कल्याण
पंजाब पैटर्न पर पेंशन व सुविधाएं दी जाएंगीं. मूल पेंशन में 5, 10 और 15% भत्ते को शामिल करने की मांग को पूरा किया जायेगा.
हिमाचल प्रदेश में करीबन 1.65 लाख पेंशनभोगी हैं उनकी कई अन्य मांगों पर पिछले पांच वर्षों में विचार नहीं किया गया. कांग्रेस सरकार एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर उनकी मांगों पर विचार करेगी और कमेटी की सिफ़ारिशों को प्राथमिकता से लागू करेगी.
सेवानिवृत्त सैनिक व अर्धसैनिक बल
कैटीन की सुविधाओं में विस्तार करने के लिए निशुल्क भूमि उपलब्ध कराई जाएगी.
सेवारत रक्षा और अर्धसैनिक कर्मियों के लिए बंदूक लाइसेंस के नवीनीकरण पर 50% की छूट.
सशस्त्र बलों व अर्धसैनिक बलों के सेवारत जवानों को 2 साल के ब्लॉक में एक बार हिमाचल पर्यटन के होटलों व रिसॉर्ट में 50 छूट दी जाएगी.
पुलिस एवं कानून व्यवस्था
पुलिस कर्मचारियों को 13वें महीने का अतिरिक्त वेतन नए वेतनमान के आधार पर दिया जाएगा.
पुलिसकर्मियों के राशन केवल 27 प्रतिदिन है. इसे बढ़ाया जाएगा और पड़ोसी राज्यों के समकक्ष लाया जाएगा.
पत्रकार कल्याण
विषम परिस्थितियों में पत्रकारों की सहायता के लिए जनसंपर्क विभाग में एक ‘पत्रकार राहत कोष’ की स्थापना की जाएगी. इसमें स्वयं पत्रकार और उनके सगे संबंधियों को दो लाख रुपयों तक की सहायता मिल सकेगी.
सेवानिवृत्त पत्रकारों के लिए एक पेंशन योजना लागू की जाएगी.
स्वास्थ्य सेवाएं
हिमाचल में हर बार अस्पतालों तक पहुंच पाना संभव नहीं होता, इसलिए दूर दराज के इलाक़ों तक कांग्रेस सरकार मोबाइल-क्लिनिक सुविधा शुरु करेगी. इससे छोटी मोटी बीमारियों के लिए इलाज गांव में ही मिलना संभव हो सकेगा.
सभी एचएससी, पीएचसी, सीएचसी में स्टाफ, डॉक्टर और अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती की जाएगी ताकि सभी संस्थानों को स्वतंत्र रूप से चलाया जा सके.
प्रदेश के अन्य बड़े जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी और MCI के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों की सीटें भी बढ़ाई जाएगी.
डॉक्टरों की भर्ती विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मापदंड के अनुरूप व Walk-in-Interview के आधार पर नियुक्तियों को ज़ारी रखा जाएगा जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी न हो.
IGMC व टांडा मेडिकल कॉलेज में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.
आईजीएमसी में प्राथमिकता के आधार पर पार्किंग स्थल का निर्माण करवाया जाएगा.
शिक्षा प्रणाली
हर निर्वाचन क्षेत्र में चार अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल खोले जाएंगे. इसका उद्देश्य छात्रों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण अंग्रेज़ी शिक्षा प्रदान करना है ताकि हमारे बच्चे वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा कर सकें
सभी स्तर के स्कूलों में पांच हज़ार से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इन्हें प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा.
दो हज़ार से अधिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक हैं. आरटीई मानकों के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात को ध्यान में रखकर शिक्षकों की पदस्थापना/नियुक्ति होगी.
1785 स्कूलों में केवल 10 छात्र हैं. युक्तियुक्तकरण द्वारा इन स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
निजी शिक्षण संस्थानों में फीस को नियंत्रित किया जाएगा और समाज के पिछड़े वर्गो (BPL/EWS) की फीस में कमी की जाएगी.
जनजातीय/दलित/अन्य पिछड़ा वर्ग
यह अनुमान है कि राज्य में लघु वनोपज (एमएफपी) का आर्थिक आकार लगभग 4500 करोड़ है. सरकार वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से लघु वनोपजों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदी करेगी, जिससे वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो और सरकार का राजस्व भी बढ़े.
नौतोल भूमि पात्र व्यक्तियों को 2017 तक दी गई थी. उसके बाद भाजपा सरकार ने इस प्रथा को बंद कर दिया. कांग्रेस सरकार इस प्रक्रिया पुनः शरू करेगी.
व्यावसायिक व प्रतियोगी परीक्षाओं के कोचिंग सेंटर में अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को मुफ़्त कोचिंग दी जाएगी.
गुज्जर, गद्दी, लबाणा, गोरखा और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए गठित बोर्डों को और अधिक मज़बूत और सक्रिय किया जाएगा.
समाज कल्याण
कच्चे मकान वाले सभी लोगों को अगले पांच साल में पक्का मकान बनाने के लिए आवास पर सब्सिडी दी जाएगी.
निःशक्तता पेंशन केवल उन्हीं व्यक्तियों को दी जाती है जिनकी विकलांगता 40% से अधिक है. पेंशन के लिए विकलांगता का प्रतिशत घटाकर 25% किया जाएगा.
नशा उन्मूलन
हिमाचल में नशे के खिलाफ अभियान को मजबूत बनाने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक नशारोधी प्रवर्तन प्राधिकरण का गठन किया जाएगा.
हर उपमंडल में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे.