रोहडू बखीरना पुल मामला- कोताही बरतने वाले 3 PWD इंजीनियर निलंबित

शिमला टाइम

शिमला जिला के रोहडू स्थित बखीरना में पब्बर नदी पर बने डबल लेन पुल के निर्माण के दौरान उचित पर्यवेक्षण और निगरानी में कोताही के लिए राज्य सरकार ने तत्कालीन अधिशाषी अभियंता, लोक निर्माण विभाग मण्डल रोहड़ू, रवि भट्टी को निलंबित कर दिया है। वह वर्तमान में ठियोग में तैनात हैं। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता, रोहड़ू नरेंद्र सिंह नाइक और कनिष्ठ अभियंता, सिविल, रोहड़ू सेक्शन विजय कुमार को भी इस पुल के निर्माण कार्य के दौरान उचित पर्यवेक्षण और निगरानी में कोताही के लिए निलंबित किया गया है। पब्बर नदी पर बना यह पुल इस माह की 13 तारीख को क्षतिग्रस्त हो गया था।

प्रधान सचिव पीडब्ल्यूडी जे.सी. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के निर्देश पर राज्य सरकार ने इस पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार इस पुल के निर्माण में तकनीकी खामियों के अलावा, उचित पर्यवेक्षण और निगरानी में लापरवाही को भी इंगित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच की गई है और मुख्यतः इन तीनों अभियन्ताओं को इस चूक के लिए जिम्मेदार पाया है। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और निर्माण कार्य से जुड़े अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

जे.सी. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में राज्य सरकार विकासात्मक कार्यों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

1 Comment

  1. Why only suspension? had it not been more prudent to raid the houses and seal their bank accounts. I think suspension is no punishment because it is an open secret that in Public Works Department every contractor is forced to pay fixed commission to engineers and accountants which is in the knowledge of everyone but till date no Chief Minister could dare to stop this corrupt practice and I charge with full responsibility that without the connivience of political bosses such practice can continue, since Himachal Pradesh came into existence.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *