शिमला टाइम
पिछले दो महीने से चल रहा सीमेंट विवाद सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है। सीमेंट विवाद सुलझने के बजाय और उलझ गया है। ट्रांसपोर्टरों और अडानी समूह प्रबंधन के साथ कई दौर की बैठकों के बावजूद भी रेट पर सहमति नहीं बन पाई है। आज फिर से सरकार के साथ अदानी समूह के प्रबंधकों एवं ट्रांसपोर्टरों के साथ बैठक आयोजित की गई लेकिन विवाद नहीं सुलझ पाया।
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि अडानी अपनी मनमानी कर रहा है और तय दाम से कम रेट दे रहा है जो उनको मान्य नहीं है। ट्रांसपोर्टर का कहना है कि ₹13 :20 पैसे के हिसाब से प्रति किलोमीटर रेट होना चाहिए, लेकिन सरकार की मध्यस्थता के बाद ट्रांसपोर्टर 10 रुपए 70 पैसे प्रति किलोमीटर की दर पर मान गए थे। बाबजूद अब अदानी समूह इससे भी कम 8:30 रुपए से दस रुपये देने की बात कर रहा है जो उन्हें मंजूर नहीं है। यदि ट्रांसपोर्टरों को 6 महीने भी ट्रक खड़े करने पड़े तो वह उसके लिए भी तैयार हैं। उनका अडानी के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। अडानी जब तक मांगे नही मानता है सीमेंट प्लांट नही चलने दिए जायेंगे।
वहीं बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार की कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के साथ मीटिंग हुई है। कल भी सीएम की मीटिंग हुई। अदानी कंपनी के सीईओ हिमाचल आए है। दोनो पार्टी से चर्चा हुई लेकिन बेनतीजा रही। प्रबंधन ने रेट 10 रुपए से कम बताए है जो कि कम है। बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। सरकार मध्यस्थ के रूप में काम कर रही हैं। ट्रक ऑपरेटर के हित देखना सरकार की जिम्मेदारी है। सीमेंट कंपनियों के बंद होने से सरकार को प्रतिदिन दो करोड़ का लॉस हो रहा है। सरकार इस विवाद को हल करने की कोशिश कर रही है।