हिमाचल विधान सभा बजट सत्र के पहले दिन ही विपक्ष का सदन में हंगामा, किया वॉकआउट

नियम 67 के तहत विपक्ष ने सदन में दिया स्थगन प्रस्ताव

विधायक निधि की अंतिम किस्त जारी न होने पर मांगी चर्चा

चर्चा में सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया सदन की कार्यवाही से वॉकआउट

विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर बोले विधायक निधि बंद कर अपनी चुनावी गारंटी पुरा करना चाहते हैं सीएम

निधि बंद होने से विकास कार्य हुए ठप्प

सरकार के अपने ही विधायक पत्र लिख कर जता रहे नाराजगी-जयराम ठाकुर

सीएम बोले खबरों में बने रहने के लिए विपक्ष ने किया वॉकआउट, नियम 67 पर किसी विशेष स्थिति में होती है चर्चा

शिमला टाइम

विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल से पहले विपक्ष ने नियम 67 के अंतर्गत काम रोको प्रस्ताव की मांग की जिसके अंदर भाजपा ने क्षेत्र विकास विधायक निधि की आखिरी किस्त जारी करने को लेकर चर्चा मांगी। जिस पर सदन में गहमागहमी के बीच बहस चलती रही। मगर बेनतीजा बहस के बीच विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस दौरान कहा कि विपक्ष ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव की मांग की और क्षेत्र विकास विधायक निधि को बहाल करने पर चर्चा करने की मांग की थी लेकिन सरकार की ओर से गोल मोल जवाब देने की कोशिश की गई जिसको लेकर विपक्ष ने वॉक आउट करने का फैसला किया। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार ने जिस क्षेत्र विकास विधायक निधि को कोविड-19 के समय में कम किया था उसे फिर बड़ा बढ़ाकर 2 करोड रुपए कर दिया था। जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान इस निधि का डेढ़ करोड़ रुपए जारी कर दिया गया था और बची हुई आखरी 50 लाख की राशि चुनावों के बाद जारी होनी थी। जयराम ठाकुर ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बदलने के बाद कांग्रेस ने यह राशि रोक दी और बजट न होने का हवाला देते हुए विधायकों को विकास के लिए दी जाने वाली राशि को रोक दिया। जयराम ठाकुर ने सरकार के फैसले को जनता विरोधी बताया है उन्होंने कहा कि विपक्ष पूरी जिम्मेदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाएगा। सरकार के जनविरोधी फैसलों के खिलाफ विपक्ष विधानसभा के अंदर और विधानसभा के बाहर सरकार का विरोध करता रहेगा। सरकार विधायक निधि को बंद करके अपनी गारंटी पूरी करना चाहती है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि खबरों में बने रहने के लिए विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया है। जय राम सरकार ने बिना बजट प्रावधान व स्टाफ़ के 920 संस्थान खोल दिए। सरकार ने विधायक निधि बन्द नही की है बल्कि रोकी है। वह इसलिए रोकी है की 6ठा वेतन आयोग लागू कर दिया पैसे का प्रावधान नही किया। कर्मचारियों की करोड़ों की देन दरियाँ भाजपा सरकार छोड़ कर गई है। सबको मिलाकर 86 हज़ार करोड़ का कर्ज हो जायेगा। हिमाचल प्रदेश हर व्यक्ति पर एक लाख रुपए कर्ज चढ़ गया है लेकिन फिर भी प्रदेश के विकास को रुकने नहीं दिया जाएगा।प्रदेश को उन्नति पर ले जाने व दिशा देने के लिए व्यवस्था परिवर्तन किया जा रहा है। सरकार हिमाचल को कर्ज़ से निकालने के लिए काम कर रही है।

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