सामाजिक चेतना की अभिव्यक्ति है और नाट्य एवं नृत्य कला

शिमला टाइम, शिमला
शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कला वास्तव में सामाजिक चेतना की अभिव्यक्ति है और नाट्य एवं नृत्य कला इसमें अग्रणी हैं। सुरेश भारद्वाज यहां 64वीं अखिल भारतीय नृत्य एवं नाट्य प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस प्रतियोगिता का आयोजन आॅल इंडिया आर्टिस्ट ऐसोसिएशन द्वारा किया गया।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कला की विभिन्न विधाओं का अहम योगदान रहा है। देश के विभिन्न राज्यों में प्राचीन काल से ही कला के विविध आयामों को प्रोत्साहित किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि नृत्य एवं नाट्य कला को भारत ने बहुत कुछ दिया है। भरत मुनि ने नाट्य एवं नृत्य कला के संबंध में स्वरचित शास्त्रों के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में नाट्य एवं नृत्य कला को तनावमुक्ति एवं प्रतिभा प्रस्तुति का साधन माना गया है। उन्होंने आशा जताई कि यह प्रतियोगिता देश के साथ-साथ हिमाचल के युवाओं के लिए भी प्रेरणादायक सिद्ध होगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार स्थापित एवं उभरते कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए कृत संकल्प है। इस दिशा में योजनाबद्ध कार्य किया जा रहा है। 
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि स्वर्गीय सुदर्शन गौड़ द्वारा संचालित इस संस्था के कार्य को उनके सुपुत्र रोहिताश्व गौड़ द्वारा निरंतरता प्रदान की गई है। इसके लिए रोहिताश्व गौड़ एवं उनकी पत्नी रेखा गौड़ साधुवाद के पात्र हैं।
 उन्होंने कहा कि शिमला नगर का इतिहास प्राचीन संस्कृति से ओतप्रोत रहा है और यहां के धरोहर भवन अपने आप में प्राचीन संस्कृति का नायाब उदाहरण है। उन्होंने कहा कि शिमला नगर ने भी न केवल सिनेमा जगत को, बल्कि भारतीय रंगमंच को अनेक अभिनेता व निर्देशक प्रदान किए हैं। स्वर्गीय मनोहर सिंह, अनुपम खेर तथा अन्य कई ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने रंगमंच को अपना सर्वस्व प्रदान किया है। ये सभी अभिनेता शिमला एवं हिमाचल से ताल्लुक रखते हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा गोथिक शैली में निर्मित ऐतिहासिक गेयटी थियेटर शिमला में स्थित है, जहां पर नाटक से जुड़े महान अभिनेता अपनी नाट्य कला का प्रदर्शन करने के लिए हमेशा लालायित रहे हैं। अनुपम खेर, नसीररूदीन शाह, राज बब्बर, स्वर्गीय ओमपुरी, विजय कश्यप, पंकज कपूर सहित अनेक स्थापित अभिनेताओं ने गेयटी थियेटर में अपनी अभिनय प्रतिभा से सभी को अभिभूत किया है। 
सुरेश भारद्वाज ने नाट्य कला में विशेष योगदान के लिए मध्य प्रदेश स्कूल आॅफ ड्रामा के निदेशक आलोक चटर्जी तथा सिनेमा और रंगमंच में विशिष्ट सेवाओं के लिए पवन शर्मा को बलराज साहनी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने नृत्य के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए उज्जैन के कथक नर्तक अभिवृद्धि गैहलोड़, कांचिपुरम तमिलनाडु की ललिता सुब्रमण्यम तथा रतलाम मध्य प्रदेश के शुभम खोवल को गोपी-कृष्ण राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस अवसर पर आॅल इंडिया आर्टिस्ट ऐसोसिएशन के अध्यक्ष एवं ‘भाभी जी घर पर हैं’ सीरियल के ‘तिवारी जी’ अर्थात रोहिताश्व सुदर्शन गौड़ ने संस्था की गतिविधियों तथा संपूर्ण भारत में संस्था द्वारा कला करम के प्रचार-प्रसार के संबंध में जानकारी दी। 
संस्था की मार्गदर्शक रेखा गौड़ ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर उप महापौर राकेश शर्मा, ओएसडी डाॅ. मामराज पुंडीर भी उपस्थित थे।

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