शिमला टाइम
हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिकल स्टाफ की कमी को लेकर जनहित मामले में सरकार को आदेश दिए हैं कि वह दो सप्ताह के भीतर बताए कि स्वास्थ्य संबंधी सभी तरह के रिक्त पदों को भरने के लिए क्या किया गया है।
जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री राजीव सहजल ने कहा है कि सरकार स्वास्थ्य विभाग में चल रहे खाली पदों को भरने को लेकर काम कर रहा है और हाई कोर्ट के निर्देश ने पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी है 13 अक्टूबर को मामले को लेकर अगली सुनवाई होनी है जिसमें चीफ सेक्रेटरी भर्ती प्रक्रिया की जानकारी कोर्ट में देंगे।
डीडीयू अस्पताल में महिला आत्महत्या मामले के बाद पद से हटाए गए एमएस लोकेंद्र शर्मा ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि अस्पताल में स्टाफ की कमी है जिसके लिए विभाग को कहा गया था लेकिन फिर भी खाली पद नहीं भरे गए और आत्महत्या की घटना का ठीकरा उन पर फोड़ा गया। आरोपों के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि पद से हटाए जाने के बाद अस्पताल के एमएस नई बातें मीडिया के माध्यम से कही हैं । जबकि इससे पहले उन्होंने कभी भी सरकार के ध्यान में इस तरह का मामला सामने नहीं लाया है और जब भी उनसे बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ है। पूरे मामले को लेकर सरकार जांच कर रही है और जिसकी भी लापरवाही होगी उसे उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजीव सैजल ने कहा है कि सरकार के दो मंत्री कोविड-19 पाए गए थे जो पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। अस्पताल और कोविड केयर सेंटर में उनके जो अनुभव रहे हैं उसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग अस्पताल और कोविड केयर सेंटर में जो व्यवस्थाओं की कमी है उन्हें दुरुस्त करने की कोशिश करेगा ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा सके।
गौर हो कि कोविड की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद अस्पताल से लौटे मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने भी कहा था कि पॉजिटिव आने के बाद सरकारी अस्पताल जाने से गुरेज करें। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए थे।