मुख्यमंत्री ने बालिकाओं को उनके अधिकारों को लेकर जागरुक बनाने पर ज़ोर दिया

शिमला टाइम

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सक्षम गुड़िया बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बालिकाओं को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक बनने तथा उनके सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने छात्राओं के साथ दुव्र्यवहार में शामिल शिक्षकों के विरूद्ध सख़्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सक्षम गुड़िया बोर्ड का गठन वर्ष 2018 में महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए सुरक्षा से सम्बन्धित अधिनियमों, नियमों, पुलिस और कार्यक्रमों की सिफारिशों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया था। बोर्ड का उद्देश्य प्रदेश में लड़कियों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा करना भी है। बोर्ड लड़कियों के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी पहलुओं में गुणात्मक सुधार के लिए सिफारिशें करने की भी परिकल्पना करता है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं का सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। शगुन योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों की लड़कियों को विवाह के समय 31 हजार रुपये अनुदान के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। सरकार ने 65-69 आयु वर्ग की पात्र महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्वर्ण जयंती नारी संबल योजना भी शुरू की है। इस आयु वर्ग की 60 हजार से अधिक महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये प्रदान किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता संभालने के बाद वर्तमान प्रदेश सरकार ने गुड़िया हेल्पलाइन की शुरूआत की ताकि संकट के समय लड़कियों को तत्काल सहायता प्रदान की जा सके। इस हेल्पलाइन पर लगभग 6400 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को सुरक्षित और बेहतर वातावरण प्रदान करना है ताकि वे अपनी इच्छानुसार किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि बोर्ड को महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के संबंध में अपने सुझाव देने के लिए आगे आना चाहिए।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार बोर्ड को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के उत्थान के लिए शुरू की गई योजनाओं की निगरानी के लिए बोर्ड को नियमित बैठकें आयोजित करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चैधरी ने कहा कि बोर्ड का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से यौन उत्पीड़न संबंधी कई मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर विभाग द्वारा महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

सक्षम गुड़िया बोर्ड की उपाध्यक्ष रूपा शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

महिला एवं बाल विकास की निदेशक राखी कहलों ने बैठक की कार्यवाही का संचालन भी किया।

बोर्ड के गैर-सरकारी सदस्य प्रवीण छाजटा, हेमलता कौशल, सुशीला शर्मा, अंजना शर्मा, डाॅ. देवकला शर्मा, मनीषा ठाकुर और रजनी ठाकुर ने भी इस अवसर पर अपने बहुमूल्य सुझाव प्रस्तुत किए।

शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता एवं प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विवेक भाटिया, निदेशक उच्चतर शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।

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