कोविड पर चर्चा के बाद स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से असन्तुष्ट विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट, सरकार को कोविड से निपटने में बताया विफल

शिमला टाइम

सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों द्वारा नियम 130 के तहत कोरोना महामारी से पड़े प्रभावों को लेकर सदन में लाये गए विषय पर 17 विधायको द्वारा चर्चा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सहजल ने चर्चा पर जवाब दिया। चर्चा पर जवाब देते हुए डॉ सहजल ने कहा कि देश को एकजुट करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताली थाली का सहारा लिया जिसके बाद इस बीमारी से लड़ने के लिए एकता का भाव भी दिखा। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री की नेतृत्व क्षमता भी कोरोना महामारी के दौरान देखने को मिला जिन्होंने समय समय पर उचित निर्णय लेकर प्रदेश को इस विकट परिस्थिति से उबारने का प्रयास किया। कोरोना के समय मे कोरोना वारियर ने कोरोना संक्रमितों की जो सेवा की वह सराहनीय है।उन्होंने ऐसे समय मे कोरोना मरीजो की मदद की जब संकृमितों के सगे संबंधी उन्हें छोड़ चुके थे।उन्होंने कहा की जनवरी 2020 में ही सरकार ने कोविड से निपटने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे जिसके तहत 104 सेवा 24 घंटे के लिए शुरू की गई और सभी उपायुक्तों को भी हर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए ।अभी सहजल का जवाब पूरा नही हुआ था कि विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।

कांग्रेस विधायक इंदर दत्त लखनपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार कोविड से निपटने के बजाए नगर निगम के चुनाव व मेले करवाने में व्यस्त रही जिसके कारण कोरोना फैला। कोविड काल मे लोगो को राहत देने के बजाए सरकार ने भ्रष्टाचार किया है। दिल्ली व प्रदेश सरकार ने कोविड प्रभावित परिवारों को कोई सहायता नही दी। वेक्सीनेशन व कोरोना होर्डिंग के ऊपर पैसा खर्च किया जा रहा है लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत नही किया गया है। ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की कमी से निपटने के लिए सरकार ने कुछ नही किया।

वन्ही माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री का जवाब कोरोना से निपटने को लेकर वैज्ञानिक नही था। दूसरी लहर में अधिकतर मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई। ऑक्सीजन प्लांट लगाने बिना किसी वैज्ञानिक राय के शुरू कर दिए गए। सरकार तीसरी लहर से निपटने में भी कारगर कदम नही उठा पा रही है, जो चिंता का कारण है।

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