पनाश शर्मा महासचिव तो अखिलेश यादव कोषाध्यक्ष
शिमला टाइम, बददी
भारत के प्रमुख उद्योग संगठन फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (भारतीय उद्योग संघ)ने हिमाचल प्रदेश में कदम रख दिए है। एफ.आई.आई का एक राज्य स्तरीय सम्मेलन बददी में राष्ट्रीय महानिदेशक दीपक जैन की अध्यक्षता में संपन्न हुआ जिसमें हिमाचल के विभिन्न जिलों से आए उद्यमियों ने भाग लिया। सर्वप्रथम राष्ट्रीय समन्वयक दीपक जैन फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री ने संगठन की कार्यप्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि 2014 में पंजीकृत हुआ यह इंटरनेशनल उद्योग संगठन है जिसकी भारत में 19 राज्यों में इकाईयों का गठन हो चुका है वहीं यह औद्योगिक संस्था 39 देशों में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। अब हिमाचल में एफ.आई.आई का गठन शुक्रवार को एक उद्यमी सम्मेलन के माध्यम से सर्वसम्मति से किया गया जिसमें बददी के युवा उद्यमी चिरंजीव सिंह ठाकुर को प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी गई।
चिरंजीव मूलत: मंडी के रहने वाले हैं और बददी में कई सालों से अपना फार्मा उद्योग चलाते हैं। इसके अलावा इंडस्ट्रियल एरिया मानपुरा के पनाश शर्मा को महामंत्री तथा बरोटीवाला के अखिलेश यादव को कोषाध्यक्ष का दायित्व दिया गया। वहीं धर्मपुर (सोलन) के दवा उद्यमी गौतम जैन, बददी के सुमित सिंगला, योगराज छोक्कर व मैहतपुर के अनिल सपाटिया को प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर तैनाती दी गई। बददी के अनिल मलिक को प्रदेश सचिव नियुक्त किया गया वहीं सुरेंद्र अत्री को प्रदेश मीडीया प्रभारी बनाया गया। इसके अलावा मृणाल यादव, देवेंद्र राणा, वेद प्रकाश मिश्रा, निर्मल सिंगला, राजीव मैहता, रमेश कुमार दुबे, मुनीष कुमार, इशान खुराना, प्रमोद कुमार, अजय राणा, रमेश चौहान, हर्ष कुमार आर्य व वसुंधरा नागल को प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किया गया। इस अवसर पर प्रमोद सिंह, सुभाष कुमार, आरके शर्मा, उमेश पराशर, कुलवीर जमवाल, रविंद्र कुमार, तरसेम शर्मा, सतीश, लता ठाकुर, मोहित शर्मा, सन्नी, सोमनाथ पाल व रुप किशोर ठाकुर सहित कई उद्यमी उपस्थित रहे।
व्यापार कैसे बढ़ेगा इस पर हो मंथन-जैन
हिमाचल के प्रांतीय उद्यमी सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महानिदेशक एवं समन्वयक दीपक जैन ने कहा कि देश में लघु उद्योग सैक्टर 80 फीसदी रोजगार उपलब्ध करवा रहा है। इसी तरह 80 करोड कृषि व अन्य कार्य करने वाले लोगों का आर्थिक विकास में योगदान मात्र 20 फीसदी है। उन्होने कहा कि किसी भी औद्योगिक संस्था का काम होता है कि उद्योगों की समस्याओं को हल करवाओ लेकिन उससे भी ज्यादा जरुरी इस बात का चिंतन है कि व्यापार कैसे बढेगा। लघु एवं मध्यम उद्योगों की समस्याओं को लेकर हमें जहां सरकारों के पास होगा वहीं लगातार अधिकारियों से भीं संपर्क बनाना होगा। उन्होने कहा कि कोई भी सरकार या अधिकारी पुराने इतिहास में नहीं जाना चाहते ताकि समय व्यर्थ न हो लेकिन भविष्य के लिए यह योजना बहुत जरुरी है कि रोजगार कैसे बढ़े और देश प्रगति के मार्ग पर कैसे जाए।