दिवाली पर हवा में कहीं ज़हर तो नहीं…, निगरानी करेगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

शिमला टाइम

हिमाचल प्रदेश में हर दिन 24 घण्टे प्रदूषण स्तर की निगरानी होगी। दिवाली से 7 दिन पहले और दीवाली के 7 दिन बाद तक हिमाचल का प्रदूषण स्तर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जांचेगा। 28 अक्तूबर से मॉनिटरिंग शुरू कर दी जाएगी। ऐसे में जब दीवाली में जलने वाले पटाखे तो अक्सर अपना असर आबोहवा में छोड़ते ही है। साथ ही त्योहारी सीज़न में सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही भी सामान्य दिनों से कहीं अधिक बढ़ जाती है। जिसका असर भी हवा में धूल कण के रूप में देखा जा सकता है। इस दिवाली पर कहीं हवा में RSPM की मात्रा अधिक तो नहीं हुई। इसकी निगरानी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 11 शहरों के 25 लोकेशन से करेगा। शिमला, परवाणु, कालाअंब, पौंटा साहिब, बद्दी, नालागढ़, ऊना, धर्मशाला, डमटाल, सुंदरनगर में रेस्पिरेबल डस्ट सैम्पलर मशीनें हवा का प्रदूषण मापेगी। शिमला की बात करें तो रिज और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय रेस्पिरेबल डस्ट सैम्पलर यन्त्र स्थापित किये गए है। इसके अतिरिक्त राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विभिन्न माध्यम से लोगों को जागरूक तो कर ही रहा है कि प्रदूषण रहित दीवाली मनाएं। 

गौर हो कि अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल की हवा साफ है। दिवाली त्योहार पर भी अब पिछले सालों की तुलना में कम प्रदूषण देखने को मिल रहा है। इसमें भी देखा गया है कि पटाखों से अधिक परिवहन से हवा में ज़हर घुल रहा है। सामान्य दिनों में RSPM की निगरानी तीन शिफ्टों में होती है। मगर दिवाली के दौरान प्रदूषण की निगरानी 24 घण्टे दिन रात होगी। साथ ही आवसीय, व्यवसायिक स्थानों, औद्योगिक क्षेत्र व साइलेन्स ज़ोन में ध्वनि प्रदूषण की निगरानी भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन दिनों करेगा। 

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अपूर्व देवगन ने बताया कि दिवाली से कुछ दिन पहले व बाद में प्रदेश की आबोहवा की 24 घन्टे निगरानी की जाएगी। उन्होंने प्रदेश वासियों से आग्रह किया है कि निर्धारित नियमों के तहत ही दिवाली मनाएं, 10 बजे के बाद पटाखें जलाने की मनाही है। उन्होंने लोगों से प्रदूषण रहित दीपावली मनाने की अपील की है। इसके अतिरिक्त ध्वनि प्रदूषण का भी खास ख्याल रखें। अस्पतालों सहित निर्धारित ऐसे स्थान जहाँ ध्वनि प्रदूषण की मनाही है वहां पटाखें न जलाएं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लोगों को इस बाबत जागरूक भी करेगा।

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