शिमला टाइम
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए राज्य में लाॅकडाउन किया है, ताकि इस महामारी को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित बना रही है कि प्रदेश की जनता विशेषकर, गैर सरकारी क्षेत्र में कार्यरत गरीब मजदूरों तथा कामगारों को इस लाॅक डाउन से कोई परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के जरूरतमंद तथा गरीब लोगों को सहायता राहत देने के लिए अनेक राहत उपाय प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिस पर लगभग 500 करोड़ रूपये व्यय किए जाएंगे।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लगभग 5 लाख 34 हजार सामाजिक सुरक्षा पैंशन धारकों को माह अप्रैल, 2020 के पहले सप्ताह में ही प्रथम तिमाही की पैंशन जारी कर दी जाएगी, जिसमें लगभग 1 लाख 25 हजार विधवा तथा दिव्यांगजन पैंशन धारक भी शामिल हैं। इनके लिए मासिक पैंशन 850 रूपये से बढ़ाकर 1 हजार रूपये की गई है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्प संख्यक और विशेष रूप से सक्षम श्रेणी सशक्तिकरण विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह 50 हजार नए पात्र लोगों को शीघ्र ही पैंशन देने के लिए तत्काल कदम उठाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कार्यरत विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत वर्करस जैसे कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिकाएं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, सिलाई अध्यापिकाओं, मिड्-डे मील वर्कर्ज, जल रक्षक, पैरा फिटर, पैरा पम्प ऑपरेटर, नम्बरदार, पंचायत चौकीदार इत्यादि को पहली अप्रैल से बढ़ा हुआ मानदेय जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दैनिक वेतनभोगी तथा आउटसोर्स कर्मियों को भी बढ़ी हुई दिहाड़ी का लाभ पहली अप्रैल, 2020 से मिलना आरम्भ हो जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि भवन एवं निर्माण कामगार बोर्ड में पंजीकृत लगभग एक लाख पचास हजार कामगारों को 2 हजार रूपये की एक मुश्त तुरन्त राहत देने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली कार्ड धारकों को दो माह का आटा तथा चावल एक साथ अग्रिम दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विधान सभा सत्र के दौरान विधायकों द्वारा विधायक क्षेत्र विकास निधि में से कोरोना वायरस से निपटने के लिए आवश्यक मास्क व सेनेटाइजर तथा अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान करने के बारे सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिसपर सरकार ने निर्णय लिया है कि ये सब सामग्री प्रदान करने के लिए विधायक, विधायक क्षेत्रीय विकास निधि में से संस्तुति कर सकें।
उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में जांच किए गए कुल 71 मामलों में से 69 नेगिटिव पाए गए, जबकि 2 मामले पाॅजीटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि लाॅक डाउन के दौरान विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने स्तर पर कम से कम कर्मचारियों/अधिकारियों को डियूटी पर बुलाएं। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान किसी भी दिहाड़ीदार अथवा अनुबन्ध कर्मचारी के पैसे नहीं काटे जाएंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को कार्यालय लाने के लिए उचित प्रावधान किया जाएगा।