किसानों ने मनाया विश्वासघात दिवस- हिमाचल सरकार से की प्रदेश में भांग व अफीम की खेती को कानूनी मान्यता देने की मांग

शिमला टाइम

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष तथा संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक अनेंदर सिंह नॉटी आज ऊना में किसानों से मिले। इस दौरान उन्होंने एक पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया।
उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा तथा भारतीय किसान यूनियन ने पूरे देश में विश्वासघात दिवस मनाया क्योंकि जिस समझौते के तहत दिल्ली मोर्चे को स्थगित किया गया था तथा लिखित में सरकार द्वारा एक चिट्ठी जारी की गई थी। स्थगन के बाद उन सभी मुद्दों पर सरकार में कोई भी गंभीर कदम नहीं उठाया जिसके कारण पूरे देश का किसान गुस्से में है और आज सरकार के इस विश्वासघात के विरोध स्वरूप पूरे देश में जिलाधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किए गए तथा सरकार को और खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद कराया गया कि एमएसपी पर कमेटी का गठन, अजय मिश्र टेनी का इस्तीफा तथा किसानों पर दर्ज मुक़द्दमें की वापसी सहित मांगों पर सरकार ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो सरकार को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे और इस बार 6 राज्यों में होने जा रहे चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को और अधिक नुकसान झेलना पड़ेगा तथा अगली बार किसान दिल्ली की सीमाओं पर नहीं बल्कि दिल्ली के अंदर संसद पर जाकर मोर्चा लगाएंगे।

इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश की सरकार की किसानों के प्रति उदासीनता पर भी प्रदेश अध्यक्ष नॉटी ने सवाल उठाया कि जयराम ठाकुर शायद किसानों और मजदूरों को इस प्रदेश का हिस्सा नहीं मानते इसीलिए जब उन्होंने कर्मचारियों के लिए बड़ी- बड़ी सौगातों की घोषणा की तो एक रुपया और एक शब्द भी किसानों के लिए नहीं निकाल पाए। हिमाचल प्रदेश में इस समय सब्सिडी माफिया हावी है और गरीब किसानों तक सब्सिडी का लाभ नहीं पहुंच पा रहा, फसल बीमा योजना से आज किसान ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और बड़े-बड़े प्रीमियम भरने के बाद भी ₹1 किसानों को नुकसान होने पर नहीं मिला 2021 में जिन किसानों का आंधी तूफान से नुकसान हुआ था।

अभी तक ₹1 की भरपाई हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा नहीं की गई है ऐसी बहुत सी बातें यह साबित करती हैं हिमाचल प्रदेश में किसानों के प्रति सरकार कतई गंभीर नहीं है इसलिए किसान भी भारतीय जनता पार्टी को हिमाचल प्रदेश में मुंहतोड़ जवाब देगा इसके लिए हर जगह किसान संगठित होने शुरू हुए और उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के रूप में अपना नेतृत्व चुन लिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की हैं कि प्रदेश में भांग तथा अफीम की खेती को कानूनी मान्यता दी जाए क्योंकि दुनिया के बहुत से देश इस बारे में सकारात्मक रवैया अपना रहे हैं या कानून बना रहे हैं तथा उत्तराखंड में भी भांग की खेती को मान्यता दी है। इसके अतिरिक्त पहाड़ी क्षेत्रों में जहां ट्रैक्टर की किसानों को खेती में जरूरत नहीं पड़ती लेकिन यूटिलिटी जैसे वाहन उनके लिए बहुत जरूरी है वहां इन वाहनों को टैक्स फ्री किया जाए और इन पर भी सब्सिडी प्रदान की जाए।


सरकार सरकार प्रदेश में कोल्ड स्टोर चेन बनाने के लिए एपीएमसी की कमाई का आधा हिस्सा लगाए तथा फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की सरकारी क्षेत्र में स्थापना की जाए ताकि स्थानीय फल और सब्जी उत्पादकों को इसका लाभ मिले मुन्ना में किसान जो छोटे स्तर पर लेकिन बेहतरीन आलू का बीज तैयार करते हैं उनको ट्रांसपोर्ट सब्सिडी प्रदान की जाए ताकि वह बड़े कॉर्पोरेट घरानों के मुकाबले अपना फसल भेज पाए। बाद में ऊना के जिलाधिकारी राघव शर्मा के माध्यम से नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेज कर उनके वायदे और किसानों के रोष को याद करवाया गया।
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन उन्नाव के जिलाध्यक्ष बृजेश शर्मा राज्य कार्यकारिणी सदस्य जगतार सिंह प्रदेश मीडिया प्रभारी महबूब अली प्रदेश मीडिया कोऑर्डिनेटर एवं बीडीसी सदस्य अनिल डडवाल उन्नाव ब्लाक अध्यक्ष जरनैल सलोनी सनौली युवा विंग के राज्य महासचिव गुरनाम गामा, बंगाणा ब्लॉक अध्यक्ष सोहन सिंह जोरवार सिंह सहित जिला ऊना के हर क्षेत्र के किसान शामिल रहे।

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