मंहगाई ने तोड़ दी किसानों व बागवानों की कमर, पहले दवाई अब रसायनिक खादों के बढ़ा दिए दाम: छाजटा


सरकार अपने ऐशो आराम में व्यस्त, बागवानों की नहीं फीकर

शिमला टाइम

जिला कांग्रेस कमेटी (शिमला ग्रामीण) के अध्यक्ष यशवंत छाजटा ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सोची समझी रणनीति के तहत किसानों, बागवानों की कमर तोड़ने में लगी है। छाजटा ने कहा कि मंहगाई ने किसानों और बागवानों की कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में कृषि उपकरणों, टीएसओ ट्री स्प्रे ऑयल की कीमतों को बढ़ाया गया। अब रसायनिक खादों के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि खाद के साथ कॉपर सल्फेट के दाम भी दोगुने बढ़ गए हैं। इससे सेब की फसल उगाने की लागत बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि कॉपर सल्फेट का एक किलों का पैकेट 350 रुपए में मिल रहा है। जबकि पहले यही पैकेट 150 रुपए प्रति किलो मिलता था। उन्होंने कहा कि रसायनिक खादों के दामों में भी 40 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। सेब में इस्तेमाल होने वाली 12-32-16 रसायनिक खाद के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। किसानों को यह खाद 1450 रुपए तक मिल रही है। पहले यही खाद 1135 रुपए की होती थी। इसी तरह 15:15:15 खाद की बोरी 170 रुपए तक महंगी हुई है। पहले यह 1180 रुपए में मिलता था अब 1350 रुपए में मिल रहा है। उन्होंने कहा है कि भाजपा किसानों बागवानों के प्रति संवेदनहीन है। उन्हें कोई भी न तो राहत दी जा रही है और न ही उनकी कोई आर्थिक मदद ही की जा रही है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर किसानों बागवानों का शोषण बंद नही किया तो कांग्रेस चुप बैठने वाली नहीं है।
छाजटा ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार की बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी पर लगाम लगाने की जगह लोगों पर मंहगाई को और बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान व बागवान सरकार की इन नीतियों से तंग आ चुका है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि किसान व बागवानों को खाद व कीटनाशक दवाएं सस्ते दामों पर मुहैया करवाए अन्यथा कांग्रेस इसको लेकर प्रदेशभर में धरने प्रदर्शन करेगी।

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