गर्मी ने 2010 के बाद तोड़े सारे रिकॉर्ड, आने वाले दिनों में गर्मी से राहत मिलने की संभावना, 15 अप्रैल तक मौसम रहेगा खराब

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शिमला टाइम

राजधानी सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। मार्च माह से ही सूर्य के प्रचंड तेवर देखने को मिल रहे है। मैदानी इलाकों सहित ऊंचाई वाले इलाकों में इन सूर्य की तपिश आये दिन बढ़ती जा रही है। मार्च 2010 के बाद गर्मी ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। जहां राजधानी सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अप्रैल माह के अंत में हल्की गर्मी में बढ़ोतरी होती थी। वहीं इस वर्ष मार्च के मध्य में ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। मौसम विज्ञान केंद्र की माने तो मार्च 2010 के बाद इस वर्ष गर्मी ने अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और आने वाले दिनों में गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने कहा कि कांगड़ा, लाहौल स्पीति, सोलन, शिमला व सिरमौर में इस वर्ष सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किए गए हैं। शिमला में 22 मार्च 2010 को सबसे अधिक16.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।इस वर्ष गर्मी ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है और 17 मार्च 2022 को 18 डिग्री सेलसियल्स तापमान दर्ज किया गया है।

वहीं धर्मशाला में 29 मार्च 2010 को 31.6 तापमान दर्ज किया गया था। वहीं इस वर्ष 29 मार्च को 33.2 डिग्री सेलसियल्स तापमान दर्ज किया गया है। कांगड़ा, लाहौल स्पीति, सोलन व सिरमौर में भी गर्मी के सभी पुराने रिकॉर्ड टूटे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों की बात की जाए तो केयलोंग में जहां अप्रैल माह में पहले 19.6 तापमान दर्ज किया गया था। वहीं इस वर्ष अप्रैल माह में यहां के तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है और 19.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया गया है। उन्होंने कहा वार्मिंग के कारण गर्मी में आये दिन बढ़ोतरी हो रही है। आने वाले दिनों में गर्मी से राहत मिलने की संभावना है। सुरेंद्र पॉल ने कहा कि प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के चलते 13 से 15 अप्रैल तक मौसम खराब रहने की संभावना है जिससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है।

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