लोगों को अपने छोटे मोटे काम के लिए काटने पड़ेंगे निगम कार्यालयों के चक्कर
शिमला टाइम
जिला कांग्रेस कमेटी शिमला शहरी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने सोची समझी साजिश के तहत चुनावों में देरी करवाई है। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले वार्डों का पूर्न: सीमांकन, नए वार्ड बनाना, चुनावी रोस्टर और वोटर लिस्ट बनाना एक नियमित प्रक्रिया है। जानबुझ कर इन प्रक्रिया में पहले देरी की गई। नए वार्ड बनाते वक्त जानबुझ कर वार्डों की सीमाओं को बदला गया ताकि इसमें विवाद हो। कांग्रेस के पाषर्दों के वार्डों में ज्यादा छेड़छाड़ की गई। सोची समझी साजिश के तहत ऐसा किया गया ताकि वह चुनाव न लड़ पाए। उन्होंने कहा कि इसी वजह से कांग्रेस को न्याय के लिए कोर्ट जाना पड़ा। प्रेस को जारी ब्यान में चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में हुए उप चुनावों में मिली करारी हार के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार सदमें है। उन्हें यह डर सता रहा था कि सत्ता के सेमीफाइनल माने जाने वाले इन चुनावों में भी उन्हें करारी शिकस्त मिलने वाली है। नगर निगम के कुछ महीनों बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। नगर निगम की हार का असर विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा। इसी डर की वजह से सरकार ने चुनाव को टालने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, शहरी विकास मंत्री यह बता ही नहीं पाए कि चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर होने हैं या फिर नहीं। उन्होंने कहा कि 36 सालों के बाद दोबारा नगर निगम में प्रशासक लगाने की नौबत आ गई है। लोगों को छोटे मोटे काम जैसे सर्टिफिकेट बनवाना हो या फिर वेरिफिकेशन के काम उसके लिए अब नगर निगम कार्यालयो के चक्कर काटने पड़ेंगे। सरकारी दफ्तरों में एक काम करवाने में पूरा दिन लग जाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार व शहरी विकास मंत्री पूरी तरह जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि जनता चुनावों में सरकार को इसका जवाब देगी।
उन्होंने कहा कि सरकार जो मर्जी कर ले कांग्रेस नगर निगम और विधानसभा में जीत होना सुनिश्चित है।