पवन राणा का अनादर पार्टी के प्रति है गंभीर अवज्ञा: बिंदल

शिमला टाइम

पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने एक बयान के माध्यम से कहा कि भाजपा अनुशासन में, नियमों की परिधि में कार्य करने वाली पार्टी है। इस पार्टी को डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय , अटल बिहारी वाजपेयी,  लाल कृष्ण आडवानी, सरीखे लाखों कार्यकर्ताओं ने अपने खून पसीने से सींचा है।उन्होंने कहा कि भाजपा एक वैचारिक संगठन है, जो व्यक्ति विशेष के लिए और केवल सत्ता प्राप्ति के लिए काम नहीं करती है। हमारा लक्ष्य राष्ट्र उत्थान का है और समाज के प्रत्येक व्यक्ति की सेवा है। ऐसे में किसी भी भाजपा के नेता द्वारा सार्वजनिक तौर पर मीडिया के सम्मुख पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता के प्रति बयान देना सर्वथा अनुचित है।डा. बिन्दल ने कहा कि पवन राणा बाल्य काल के स्वयं सेवक, राष्टीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक 3-3 विषयों में स्नातकोत्तर करने के बाद समाज सेवा का, राष्ट्र सेवा का व्रत लेकर अपना परिवार, अपना घरबार, सब छोड़कर अविवाहित रहते हुए पिछले 25 वर्षो से राष्ट्र सेवा, समाज सेवा व भाजपा संगठन के लिए समर्पण भाव से कार्य कर रहे हैं। उनके प्रति गलत शब्दों का इस्तेमाल करना पार्टी का अनादर है। डा. बिन्दल ने कहा कि पार्टी में जो भी निर्णय होते हैं वे सामुहिक स्तर पर होते हैं, प्रदेश में विभिन्न स्तरों पर पदाधिकारियों, मोर्चा, प्रकोष्ठों आदि में दायित्वों का बंटवारा, एक प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है और उसके लिए केवल एक व्यक्ति को जिम्मेवार ठहराना सवर्था गलत है।

तत्कालिक प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते यह मेरी व अन्य अनेक कार्यकर्ताओं की सामुहिक जिम्मेवारी है।पवन राणा ने प्रदेश अध्यक्षों व अन्य नेताओं से मिलकर संगठन को जमीनी स्तर पर उतारा। जब मेरे जैसे नेता यह मानते थे और यह कहते थे कि पन्ना प्रमुख कौन बनाएगा, कैसे बनाएगा, विस्तारक कौन निकालेंगा, उस समय पूरी ताकत लगाकर हर बूथ पर पन्ना प्रमुख बनाकर संगठन की शक्ति को कई गुना बढ़ाने में जहां हजारों कार्यकर्ताओं की अथाह मेहनत है वहीं यदि किसी एक व्यक्ति की सर्वाधिक भूमिका है तो उसका नाम पवन राणा है। आज भी संगठन को तेज गति के साथ दौड़ाने के पीछे उनके दिन रात की मेहनत है। उन्होंने संगठन के लिए अपने स्वास्थ्य खराब किया, अपने परिवार को छोड़ दिया। अपने सारे सुखों का त्याग किया, उस व्यक्ति के प्रति अनादर पार्टी के प्रति गंभीर अवज्ञा है।

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