शिमला टाइम
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष केसर ठाकुर , महासचिव संजीव ठाकुर , मुख्य सरंक्षक नरोत्तम ठाकुर व अन्य पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री से विभिन मांगों पर चर्चा की । केसर ठाकुर ने अनुबंध के आधार पर कमीशन से नियुक्त हुए प्रवक्ताओं से वेतन के मामले में हो रहे अन्याय पर शिक्षा मंत्री से चर्चा की। पिछले वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार प्रवक्ताओं को इनिशियल स्टार्ट 16290 रखा गया था। हिमाचल सरकार ने 2015 तक नियमित हुए प्रवक्ताओं को 16290 देती रही मगर 2016 में अनुबंध से नियमित हुए प्रवक्ताओं को इनिशियल स्टार्ट 16290 की बजाए मिनिमम ऑफ पे बैंड 14500 देना शुरू कर दिया। 2006 से 2015 तक सरकार 16290 देती रही मगर 2016 में अधिसूचना बदलकर 14500 देना शुरू कर दिया। यह कमीशन से अनुबंध नियुक्त और बाद में नियमित हुए प्रवक्ताओं के साथ अन्याय है। केसर सिंह ठाकुर ने शिक्षा मंत्री से मांग की कि सभी प्रवक्ताओं को इनिशियल स्टार्ट 14500 की बजाए पे कमीशन के आधार पर 16290 दी जाए । राज्य प्रमुख केसर ठाकुर ने हिमाचल सरकार द्वारा 34 साल बाद शिक्षा नीति को बदलने व नई शिक्षा नीति को हिमाचल में लागू करने के फैसले का समर्थन किया व इसे पूरी तरह केंद्र की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में लागू करने की वकालत की।
केसर सिंह ठाकुर ने बताया कि हर माह बहुत से प्रवक्ता पदोन्नति की राह देख रहे परंतु दुखद बात है कि बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। स्कूल प्रधानाचार्यों की पदोन्नति लगभग दो सालों से अकारण रुकी हुई है ,इसे जल्द से जल्द निकाला जाए । पूर्व सैनिकों के पदोन्नति मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन का भी समर्थन किया गया। इसके साथ जो प्रवक्ता कॉलेज केडर के लिए पात्र हैं उन्हें 25 % कोटा दे कर कॉलेज में एसोसिएट प्रोफ़ेसर के पदों पर पदोन्नत किया जाए । नवीं से 12 वीं तक कम्प्यूटर पढ़ रहे विद्यार्थियों से ली जाने वाले फीस 125 रुपये माफ करना, 2003 से पूर्व अनुबंध से नियमित प्रवक्ताओं व 2003 के बाद नियुक्त हुए प्रवक्ताओं को पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाना जैसी प्रमुख मांगों पर चर्चा हुई । शिक्षा मंत्री ने सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन संघ के पदाधिकारियों को दिया ।