रमेश को मिला नया जीवन, फेफड़ों में ट्यूमर के चलते इलाज की थी चिंता, आयुष्मान योजना बनी सहारा


90 हजार रुपए का खर्च सरकार ने उठाया, रमेश अब बिल्कुल स्वस्थ

शिमला टाइम, आनी

उपचार करने में अक्षम गरीब तबके के लोगों का उपचार सुनिश्चित हो सके और बीमार होने पर उपचार के दौरान लोग आर्थिक संकट के दौर से न गुजरे….इसके लिए केंद्र सरकार ने महत्वकांक्षी और जनकल्याणकारी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना योजना शुरु की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना द्वारा गरीब तबके के लोगों के लिए जो सपना देखा वह धरातल पर उतकर लोगों को नया जीवन दे रहा है। उम्मीद के मुताबिक इलाज करवाने में अक्षम गरीब लोगों को ये योजना न सिर्फ नया जीवन दे रही है बल्कि लोगों को आर्थिक संकट में फंसने से भी बचा रही है। इस योजना के तहत जहां 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज का प्रावधान है वहीं दूर दराज क्षेत्र के गरीब और वंचित तबके के लोगों के लिए भी यह योजना जीवन का नया सवेरा दिखा रही है।
जीवन का ऐसा ही नया सेवरा मिला है सुरेश कुमार को। सुरेश जिला कुल्लू की आनी तहसील के रानीकोट गांव को रहने वाले हैं। 25 वर्षीय युवा सुरेश को जब फेफड़ों में ट्यूमर का पता चला तो यह उनके लिए किसी सदमें से कम नहीं था, इसके पश्चात इलाज की चिंता सताने लगी, लेकिन आयुष्मान कार्ड ने उनकी इलाज की चिंता को दूर कर दिया। आयुष्मान योजना लांच होने के बाद सुरेश के पिता जयचंद को पंचायत से आयुष्मान कार्ड के बारे में सूचना मिली थी। इसके पश्चात सुरेश के परिवार ने आयुष्मान कार्ड बनाया। करीब साल पहले सुरेश की ट्यूमर की बीमारी में यह कार्ड उनके लिए काफी मददगार साबित हुआ।
सुरेश ने बताया कि निश्चित तौर पर बीमारी के पश्चात सभी परिवारों में चिंता का दौर शुरु हो जाता है। हमारे परिवार में भी इसी तरह की चिंता का आलम बन गया था लेकिन आयुष्मान योजना ने हमें इलाज में होने वाले खर्च को लेकर निश्चिंत कर दिया।

90 हजार रुपए का इलाज हुआ मुफ्त
सुरेश का कहना है कि उनका इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में हुआ। बीमारी को दूर करने के लिए जितनी भी दवाएं और अस्पताल में जो भी इलाज हुआ, उसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं चुकाया। खेतीबाड़ी के व्यवसाय से जुड़े परिवार के लिए इतनी बड़ी रकम जुटाना काफी मुश्किल कार्य था। सुरेश का कहना है कि इस योजना के तहत हुए इलाज ने न सिर्फ मुझे जीवनदान दिया बल्कि मेरे परिवार को भी इलाज के खर्च से मुक्त कर दिया। सुरेश ने इस योजना के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताया है।

कौन उठा सकता है योजना का लाभ
गरीब, वंचित ग्रामीण, शहरी श्रमिक और आर्थिक रूप से बेहद कमजोर शहरी परिवार इस योजना के पात्र हैं। इस योजना में आप खुद कोशिश कर शामिल नहीं हो सकते लेकिन 2011 में की गई सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (SECC-2011) के डेटाबेस में जिन व्यक्तियों के नाम मौजूद हैं, वे खुद-ब-खुद आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र हैं। उन्हें ही इसका फायदा मिलेगा।

इन लोगों को मिलता है लाभ
ग्रामीण क्षेत्र में कोई तभी इसमें कवर होगा, जब
उसका मकान कच्चा हो
परिवार में कोई वयस्क (16-59 साल) न हो या
परिवार की मुखिया महिला हो या व्यक्ति दिव्यांग हो या
वह अनुसूचित जाति/जनजाति से हो
भूमिहीन व्यक्ति/दिहाड़ी मजदूर हो
वह बेघर व्यक्ति, निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी या कानूनी रूप से मुक्त बंधुआ मजदूर हो।
शहरी क्षेत्र में कोई तभी इसमें कवर होगा, अगर वह…
भिखारी, कूड़ा बीनने वाला, घरेलू कामकाज करने वाला हो या
रेहड़ी-पटरी वाला, फेरी वाला हों या
प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर हो या
सिक्योरिटी गार्ड, कुली, सफाईकर्मी, टेलर हो या
ड्राइवर, रिक्शाचालक, दुकान पर काम करने वाला हो

फोन पर भी कर सकते हैं पूछताछ
अगर आप इस स्कीम के दायरे में आते हैं तो आपको अपनी पात्रता जांचनी होगी। अपनी पात्रता ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से जांच सकते हैं। सबसे पहले अपने पास आधार नंबर और राशन कार्ड नंबर लिखकर रखें। अब अपने मोबाइल से 14555 या 1800111565 नंबर डायल करें। ये नंबर आयुष्मान हेल्पलाइन से जुड़े हैं और इन पर हफ्ते के सातों दिन दिन-रात कभी भी बात कर सकते हैं। इन नंबरों पर आप लाभार्थी हैं या नहीं, यह पूछ सकते हैं। इसके लिए आपसे आपका मोबाइल नंबर या आधार नंबर या राशन कार्ड नंबर आदि पूछा जा सकता है। इसके बाद आपको जानकारी दे दी जाएगी।

अस्तपताल में भर्ती होने पर मिलता है लाभ
इस योजना के दायरे में आने वाले परिवार देश के किसी भी सरकारी अस्पताल या पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पताल में हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज पा सकते हैं। इसके लिए लाभार्थी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक होता है।

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