महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखाता राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन

शिमला टाइम

राज्य में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने में राष्ट्रीय आजीविका मिशन अग्रणी भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूह गठित कर महिलाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि वह स्वरोजगार की राह अपना कर आत्मनिर्भर बन सके।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को सामाजिक मुख्यधारा से जोड़ना, उन्हें सम्मानजनक और बेहतर जीवनयापन की सुविधा उपलब्ध करवाना है।

एनआरएलएम में गरीब ग्रामीणों को सक्षम और प्रभावशाली संस्थागत मंच प्रदान कर उनकी आजीविका में निरंतर वृद्धि करना, वित्तीय सेवा तक उनकी बेहतर और सरल तरीके से पहुंच बनाकर उनकी पारिवारिक आय में वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।

एनआरएलएम ग्रामीण महिलाओं केे सशक्तिकरण में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। महिलाओं को हर क्षेत्र में अवसर प्रदान करने के साथ-साथ एनआरएलएम उनकी आर्थिकी में भी सुधार कर रहा है। मिशन के अंतर्गत ग्रामीण संस्थाओं को ऋण उपलब्ध करवा कर महिलाओं के आत्मनिर्भर बनाने की राह को सरल किया जा रहा है।

प्रदेश में एनआरएलएम के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों में बीपीएल और गरीब परिवारों की महिलाओं को प्राथमिकता प्रदान की जाती है। इन समूहों में 70 प्रतिशत महिलाएं बीपीएल परिवारों से सम्बन्धित होती हैं। स्वयं सहायता समूहांे को आजीविका अर्जित करने एवं किसी भी प्रकार के व्यवसाय को करने के लिए इन्हें बैंकों से जोड़कर 7 प्रतिशत और 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्रदान किया जा रहा है।

एनआरएलएम के अन्तर्गत प्रदेश में वर्ष 2019-20 में 4,666 स्वयं सहायता समूह और 121 ग्रामीण संगठन गठित किए गए। वर्ष 2020-21 में अब तक 3,384 स्वयं सहायता समूह और 90 ग्रामीण संगठन गठित किए गए। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में 4,392 स्वयं सहायता समूहों को एक करोड़ 10 लाख रुपये और 57 ग्रामीण संगठनों को लगभग 25 लाख रुपये के स्टार्टअप फंड वितरित किए गए। वर्ष 2020-21 में अब तक 5,945 स्वयं सहायता समूहों को एक करोड़ 49 लाख और 143 ग्रामीण संगठनों को 64 लाख रुपये के स्टार्टअप फंड वितरित किए गए हैं।

विभाग द्वारा स्वयं सहायता समूहों को आजीविका अर्जित करने और किसी भी प्रकार के व्यवसाय को करने के लिए रिवाॅलविंग फंड और कम्यूनिटी इन्वेस्टमेंट फंड भी प्रदान किया जा रहा है। वर्ष 2019-20 में 3043 स्वयं सहायता समूहों को चार करोड़ 64 लाख रिवाॅलविंग फंड और 282 स्वयं सहायता समूहों को एक करोड़ 69 लाख कम्यूनिटी इन्वेस्टमेंट फंड वितरित किया गया है। वर्ष 2020-21 में अभी तक 3,667 स्वयं सहायता समूहों को पांच करोड़ 24 लाख रिवाॅलविंग फंड और 161 स्वयं सहायता समूहों को 78 लाख रुपये कम्यूनिटी इन्वेस्मेंट फंड वितरित किया गया है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से जुड़ने के बाद प्रदेश की महिलाओं की आर्थिकी सुदृढ़ हुई है। स्वयं सहायता समूहों के गठन से महिलाओं का सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक उत्थान हुआ है और प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की जानकारी भी समय पर मिलती रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *