शिमला टाइम
शिमला में विभिन्न किसानों व बागवानों के संगठनों की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई। जिसमें प्रदेश के शिमला, कुल्लू, किन्नौर, सिरमौर व मंडी जिला के 13 किसानों व बागवानों के संगठनों ने भाग लिया। इसमे कृषि व बागवानी क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। चर्चा में किसानों व बागवानों ने आज कृषि व बागवानी के क्षेत्र में निरन्तर बढ़ते संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। आज जिस प्रकार की नीतियां देश व प्रदेश में लागू की जा रही है उससे कृषि व बागवानी में लागत कीमत बढ़ती जा रही है और किसानों व बागवानों को उनके उत्पादन का उचित दाम नहीं मिल रहा है। किसानों व बागवानों को मिलने वाली सहायता में कटौती की जा रही है। खाद, बीज, फफूंदीनाशक, कीटनाशक, कृषि उपकरणों व बागवानी में मिलने वाली सब्सिडी में निरन्तर कटौती से लागत क़ीमत में बेहताशा बढ़ोतरी हो गई है। इससे प्रदेश के लाखों किसानों व बागवानों को रोजी रोटी का संकट आ रहा है।
इस बैठक में सभी संगठनों का मिलकर एक संयुक्त किसान मंच का गठन किया गया और एक 17 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। जिसमें हरीश चौहान, दीपक वर्मा, राम लाल, शोभा राम नेगी, सुनील चौहान, कुलदीप सिंह तंवर, दीपक सिंघा, संजय चौहान, जय सिंह, विवेक कश्यप, आषुतोष चौहान, सोहन ठाकुर, रमेश वर्मा, सत्यवान पुंडीर, राजिंद्र चौहान, विनोद शर्मा, संदीप चौहान शामिल हैं। हरीश चौहान को सर्वसम्मति से इस मंच का संयोजक बनाया गया है।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस मंच को प्रदेशव्यापी बनाया जाएगा तथा प्रदेश के सभी किसानों, बागवानों, दुग्ध उत्पादक, फल, सब्जी व फूल संगठनों को भी इसमें सम्मिलित किया जाएगा ताकि प्रदेश के कृषि व बागवानी से जुड़े सभी संगठनों के सहयोग से इस मौजूदा संकट के लिए जिम्मेवार नीतियों को बदल कर किसानों व बागवानो के पक्ष की नीतियां बने।
मंच ने सभी किसानों व बागवानों के संगठनों से अपील की है कि 15 मार्च को उपमण्डल व ब्लॉक स्तर पर संगठित व एकजुट होकर प्रदर्शन में भागीदारी करे और सरकार को ज्ञापन भेजे। भविष्य में सभी किसान व बागवान संगठित होकर कार्य करेंगे।
बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने चर्चा कर निम्न मुद्दों पर सहमति व्यक्त की गई:
1 तीनो कृषि कानूनो को तुरंत प्रभाव से रद्द किये जायें व सभी कृषि बागवानी उत्पादो के न्युनतम तय मुल्य से ऊपर बिकने पर कानून बनाया जाए।
2 सेब सहित सभी फलो, सब्जियों, दूध, फूल व अन्य फसलो को न्युनतम समर्थन मूल्य (MSP)के लिए कानून बनाकर इसके दायरे मे लाया जाए और इस के लिए खरीद केंद्र खोले जाए।
3 सेब को विशेष उत्पाद घोषित कर आयात शुल्क 100%किया जाए।