हिमाचल के पत्रकारों को मिले पेंशन व बने वेब मीडिया पॉलिसी: राणा

पत्रकार कल्याण बोर्ड का गठन करे प्रदेश सरकार-रणेश राणा

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव से मिला एनयूजेआई का शिष्टमंडल
शिमला टाइम, शिमला
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया (एनयूजेआई) हिमाचल इकाई का एक प्रतिनिधि मंडल सचिव (सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ) से मिला और राज्य के मीडिया जगत के प्रमुख मुददे उठाए व उनका विस्तार से बखान किया। एनयूजे इंडिया के प्रदेशाध्यक्ष रणेश राणा के नेतृत्व में पूरे प्रांत से आए प्रतिनिधिमंडल ने दो पेज का मांगपत्र सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मुख्य सचिव रजनीश कुमार को सौंपा। इसमें मुख्य तौर पर प्रदेश में पत्रकार कल्याण बोर्ड के गठन की मांग को प्रमुखता से उठाया गया है। एनयूजेआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोगिंद्र देव आर्य ने बताया कि मांगपत्र में हिमाचल इकाई की जिला ऊना में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में उठाए गए मुद्दों को शामिल किया गया था। इसमें प्रदेश सरकार से पत्रकारों के लिए विशेष तौर पर जर्नलिस्ट वेल्फेयर फंड देने की मांग की गई है जो कि आपदा या मृत्यु में उसके परिवार को मदद में काम आए। हिमाचल प्रदेश बिल्डिंग और अन्य निर्माण वेल्फेयर बोर्ड की तर्ज पर प्रदेश सरकार के सरकारी विभाग द्वारा जारी सालाना विज्ञापन में से 5 फीसदी कटौती करके इस फंड में डाला जाए। मांगपत्र में फील्ड में कार्यरत जिला व उपमंडल के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को राजधानी की तर्ज पर रिहायशी मकान मुहैया करवाए जाएं। पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश के पत्रकारों को पेंशन पॉलिसी बनाए। उपमंडल स्तर पर प्रेस भवन बनाए जाएं। पत्रकारों को मकान तथा बच्चों की शिक्षा के लिए सस्ते लोन का प्रावधान किया जाए। मान्यता तथा गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए बीमा योजना, हिमाचल प्रदेश सरकार की सेमी डीलेक्स, डीलेक्स और वॉल्वो बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा मुहैया करवाई जाए। प्रदेश सरकार कार्यरत पत्रकारों के लिए जल्द से जल्द जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन कानून बनाया जाए। पंजाब सरकार की तर्ज पर सब एडिटर तथा डेस्क रिपोर्टरस को सुविधाएं प्रदान की जाएं। उपमंडल स्तर पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी लेपटॉप योजना में शामिल किया जाए। प्रेस फोटोग्राफरों को भी उपमंडल स्तर पर मान्यता प्रदान की जाए। राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत प्रत्येक एसोसिएशन के दो दो सदस्यों को प्रदेश सरकार की प्रेस एडवाजरी कमेटी और प्रेस एक्रीडीटेशन कमेटी में बतौर सदस्य लिया जाए। हर चार माह बाद सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव व निदेशक के साथ एक बैठक सुनिश्चित करवाई जाए जिसमें पत्रकारों की मांगों पर खुलकर चर्चा हो सके। डिजिटल होते युग में प्रदेश में एक बेव पोर्टल पॉलिसी बनाई जाए। प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए मुददों को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव रजनीश कुमार ने ध्यान सुुना व उन पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। एनयूजेआई के शिष्टमंडल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोगिंद्र देव आर्य, सलीम कुरैशी, महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष सीमा शर्मा, एनयूजे इंडिया राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जितेंद्र ठाकुर, सुमित शर्मा, हेमंत शर्मा, सुरेंद्र अत्री, उपाध्यक्ष गोपाल दत्त शर्मा, रविंद्र तेजपाल, भारत भूषण पंकज कतना, दिनेश अग्रवाल, विशाल सूद, सतीश कुमार, मीना कौंडल, रीना राणा , सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।

कैलैंडर का किया विमोचन-

ज्ञापन देने के बाद सूचना एंव जनसपंर्क विभाग के सचिव रजनीश कुमार ने संगठन के कैलेंडर का विमोचन किया जो कि शिमला के प्रमुख सरकारी कार्यालयों को दिए जाएंगे। प्रदेशाध्यक्ष रणेश राणा ने इस बात पर रोष जाहिर किया कि पत्रकारों को मान्यता देने के मामले निदेशालय में महीनों लंबित रहते हैं जो कि सही नहीं है। संपादक के सहमति पत्रक हस्ताक्षरित कर देने के बाद एक माह में मान्यता प्राप्त का परिचय पत्र बन जाना चाहिए। इसके लंबित होने के बाद पत्रकारों को बिना वजह परेशानी झेलनी पड़ती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *