जब अग्निहोत्री ने जल शक्ति मंत्री से मांगा इस्तीफा, बोले- उतना तैश में आएं जितना बारूद हो… दोनों में नोंक-झोंक


शिमला टाईम
राज्यपाल के बजट अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ये सरकार चल कैसे रही है बड़ा मसला हो गया है। मुख्यमंत्री सहित सरकार लंगड़ी है 3 मन्त्री 2 साल में निकल गए। परमार अध्यक्ष बन गए, बिंदल विधानसभा अध्यक्ष पद छोड़कर कर भाजपा अध्यक्ष बन गए। उन्होंने कहा कि ये तो वही हालत हो गई कि ‘इस दिल के टुकड़े हजार हुए कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा।’
उन्होंने कहा कि सीएम कितने महकमे संभालेंगे। ये
दाएं बाएं म्यूज़िकल चेयर चल रही है।


बजट अभिभाषण में राज्यपाल को पॉलिटिकल डॉक्यूमेंट दे दिया उन्होंने पढ़ लिया। दिल्ली सरकार की उपलब्धि यहां पढ़ दी। हिमाचल की चर्चा नहीं कि गई। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा किहिमाचल में तो कर दिया कि रात 2 बजे तक सस्ती दारू पिओ।
थाईलैंड और बैंकॉक जैसा माहौल हिमाचल में मत बनाओ। उन्होंने आग्रह किया कि इस फैसले को सरकार वापिस लें। सरकार ने ठेके चोर दरवाजे से खोल कर कीमत बढाकर आगे कर दिया। ये नीलाम क्यों नहीं किये। राजस्व इकट्ठा करने के लिए शराब के अलावा और कोई चारा नहीं है क्या। उन्होंने फर्जी डिग्री पर सवाल उठाये। उन्होंने ढाई सौ करोड़ के घोटाले का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा फर्जी डिग्री बांटने का मामला छोटा नहीं है। भाजपा सरकार के समय हिमाचल में धड़ाधड़ विश्वविद्यालय खोल दिये जिनके कारनामे अब सामने आ रहे है। छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है।
उन्होंने बेरोजगारी का जिक्र करते हुए कहा कि बेरोजगारों की संख्या 10 से 15 लाख हो गई है। पुलिस भर्ती में गिरफ्तारियां हो गई। पटवारी परीक्षा हुई तो सीबीआई में मामला चला गया। उन्होंने पूछा कि ये हिमाचल में हो क्या रहा है।
चपड़ासी के लिए बीटेक, एमटेक और एमफिल युवा आवेदन कर रहे हैं।
10 हजार 303 करोड़ के एक्सटर्नल प्रोजेक्ट की मंजूरी पर उन्होंने सवाल उठाए की कौन सी फ़ॉरन फंडिंग हुई है? ब्रिक्स का क्या हुआ? उन्होंने जल मंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि टेंडर लगे या नहीं, लगे तो एक भी मेच्योर हुआ या नहीं।
जल विभाग के तहत अधर में लटके कई प्रोजेक्ट का उन्होंने जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि एडीबी ने किसी भी प्रकार की फंडिंग से इनकार कर दिया है। जिस पर सत्ता पक्ष की तरफ से दस्तावेज मांगे जाने लगे और जल मंत्री और नेता प्रतिपक्ष में खूब नोंक झोंक हुई। जिस पर विपक्ष के अन्य सदस्य भी शोर करने लगे। एडीबी ने फंडिंग से इनकार किया सत्ता पक्ष के सदस्य इसके दस्तावेज मांगते रहे।
अध्यक्ष ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जो आरोप लगा रहे है उसे सिद्ध करे और ऐसी कोई चिट्ठी एडीबी से आई है तो सदन में रखें।
जिस पर जल मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सदन में जब कोई भी सदस्य दस्तावेज का जिक्र करता है तो सत्यापित दस्तावेज सदन में रखे जाते है। जो कि नेता प्रतिपक्ष के पास नहीं है। विपक्ष झूठे आरोप लगा रहा है। जिस पर नेता विपक्ष ने कहा कि मेरे पास वो चिट्ठी है, यदि झूठ होगा तो मेरे खिलाफ प्रिवेलेज लाया जाये।
इसके बाद अग्निहोत्री ने दस्तावेज दिखाते हुए जीवन मिशन के तहत उन्होंने आये फण्ड के बारे में पूछा और कहा कि सरकार ने 25 हजार करोड़ के टेंडर कर दिए जबकि पैसा 150 करोड़ आया है। सरकार क्या जनता का मूर्ख बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि मामले पर एडवाइजरी कमेटी ने भी संज्ञान लिया है।
जिस पर मंत्री ने कहा ये फर्जी दस्तावेज है। जिस पर अग्निहोत्री ने कहा कि दस्तावेज फर्जी निकले तो मैं इस्तीफा दूंगा। यदि सही है तो महेंद्र सिंह ठाकुर मंत्री पद से इस्तीफा दें।

उन्होंने पूछा क्या शिवा प्रोजेक्ट का क्या पैसा आया? उन्होंने पूछा कि कब तक हिमाचल की जनता को मूर्ख बनाएंगे।
जल शक्ति विभाग एक भी प्रोजेक्ट के लिए पैसा नहीं ला पाया।

नेता प्रतिपक्ष ने सदन में मंत्री को चुनौती दी कि यदि एक भी प्रोजेक्ट स्वीकृत है तो सदन में दस्तावेज रखे।

अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार हवाई अड्डे बनने की बाते कर रही है, उन्होंने कहा सरकार बताएं भूमि फाइनल हुई नहीं, फंड स्वीकृत हुआ नहीं, डीपीआर बनी वो भी नहीं। फिर किस बात का सरकार ढिंढोरा पीट रही है।
गगल हवाई एयरपोर्ट पर लोग काले झंडे दिखा रहे हैं।
क्या पैसा है सरकार के पास।
हवा हवाई बातें हो रही है मंडी अंतररष्ट्रीय हवाई अड्डा न ही मंडी न ही गगल में बनने वाला है।

इसके नेशनल हाईवे पर सरकार से सवाल पूछा कि कहां है नेशनल हाईवे और कहा क्या टॉर्च से ढूंढे। जल मंत्री महेंद्र ठाकुर जब गुस्साए तो नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उतना तैश में आएं जितना बारूद हो।
चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि द्वारका में हिमाचल भवन बनाने की क्या जरूरत थी। कौडियों के भाव मे प्रॉपर्टीस बेची जा रही है। उन्होंने कहा प्रॉपर्टी बिक रही है, डिग्री बिक रही है ध्यान रखना राज्यसभा की सीट न बिक जाए।
25 हजार खंभे 700 के हिसाब से बेच दिए उन्होंने कहा प्रदेश में ये चल क्या रहा है। मंदी का दौर है सरकार कहाँ गंजो को कंघी बेचने निकली है। 30 करोड़ के सरकारी व निजी कंपनी से करार कर दिए।
उन्होंने लोग तो रेरा का निर्माण कर एडजेस्ट हो गए और सरकार का मूर्ख बना गए।

अग्निहोत्री ने कहा कि युवाओं से रोजगार छीना जा रहा है। सरकार इन्हें पलायन करने से बचा लें।
खनन माफिया पर अग्निहोत्री ने सरकार को घेरा और कहा कि मंत्री ने ऊना आने का वादा किया था लेकिन नहीं आये। कानून व्यवस्था पर भी उन्होंने सवाल उठाए कहा कि प्रदेश में नशा बढा है। चिट्टा के मामले बढ़ रहे है। सरकार बताएं कितने डीएडिक्शन सेंटर सरकार ने खोले है। महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़े है।

जनमंच में ऐसा खाना परोसा जा रहा है जो कुत्ते भी नहीं खा रहे है। उन्होंने कहा कि जनमंच में अधिकारियों व कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है।
सत्ता पक्ष जब शोर मचाने लगा तो अग्निहोत्री ने जल मंत्री महेंद्र की ओर इशारा करते हुए कहा कि पहली बार
मुख्यमंत्री की भूमिका में है और आंखें दिखा रहे है।

अग्निहोत्री द्वारा लगाए गए आरोपों पर स्पष्टीकरण देते हुए जल मंत्री महेंद्र ठाकुर ने कहा कि अग्निहोत्री ऊंचा व झूठ बोलने की आदत छोड़ें। उन्होंने कहा कि विपक्ष को फॉरेन फंडिंग का पता नहीं है। जयराम के मार्गदर्शन में एक नहीं अनेकों फॉरेन फंडिंग ली है। उन्होंने कहा इन दिनों शिवा का एक डेलिगेशन हिमाचल दौरे पर आया है। मेजर मिशन हिमाचल में अगले महीने आने वाला है। रेनोवेशन ओल्ड वाटर सप्लाई उसके लिए एडीबी का डेलिगेशन अगले महीने आ रहा है। लेकिन नेता प्रतिपक्ष कह रहे है कि एडीबी ने फंडिंग से इंकार कर दिया है, उन्होंने कहा अग्निहोत्री दस्तावेज दिखाएं।

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