मानसून सत्र के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, नरेंद्र बरागटा सहित पांच दिवंगत सदस्यों को किया गया याद, 15 अगस्त की धमकी पर लिया जाएगा संज्ञान, कोविड के बढ़ते मामलों के कारण फिर लौट सकती है बंदिशें

शिमला टाइम

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का 10 दिन तक चलने वाला मानसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ। राष्ट्रीय गान के साथ शुरू हुए मानसून सत्र में विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सदन की कार्यवाही शुरू की। सदन दिवंगत नेताओं के निधन के शोकोदगार के साथ शुरू हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का IGMC में 8 जुलाई को निधन हुआ। जुब्बल कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा पीजीआई में 5 जून को निधन हो गया था। इसके अलावा अमर सिंह चौधरी भोरंज हमीरपुर, मंडी जोगिन्दरनगर से राम सिंह , चम्बा से मोहन लाल जो विधानसभा के सदस्य रहे उनका भी इस दौरान निधन हो गया। बजट सत्र व मानसून सत्र के बीच 5 विधानसभा सदस्यों का निधन हुआ।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शोकोदगार पर बोलते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीरभद्र के राजनीतिक जीवन की खुलकर प्रशंसा की। जय राम ठाकुर ने कहा कि वीरभद्र सिंह मज़बूती के साथ ज़मीन में खड़े रहते थे। वीरभद्र सिंह ने 1983 से 1985 पहली बार, फिर 1985 से 1990 तक दूसरी बार, 1993 से 1998 में तीसरी बार, 1998 में कुछ दिन चौथी बार, फिर 2003 से 2007 पांचवीं बार और 2012 से 2017 छठी बार मुख्यमंत्री बने। 8 जुलाई को वीरभद्र सिंह का निधन हो गया था। नरेंद्र बरागटा के निधन पर भी शोक व्यक्त किया व इसके परिवारों को दुःख सहने की ताकत प्रदान करने की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने पांच सदस्यों के निधन पर दुःख व्यक्त किया। कोरोना व मानसून की आपदा में मारे गए लोगों के निधन पर भी मुख्यमंत्री ने दुःख ज़ाहिर किया गया।

वन्ही 15 अगस्त को तिरंगा न फहराने की धमकी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा सहित वीपक्ष के नेताओं को भी इस तरह की कॉल आई है। इस पर जांच के बाद संज्ञान लिया जाएगा। उन्होंने हर व्यक्ति को घर पर तिरंगा फहराने की अपील की ओर यही इसका सही जवाब होगा। वन्ही प्रदेश में बढ़ते कोविड के मामलों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के प्रति गम्भीरता कम नही होनी चाहिए। कल कैबिनेट बैठक है ऐसे में फिर से बंदिशों पर विचार किया जा सकता है।

वन्ही विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदन में दिवंगत नेताओं के प्रति शोक उदगार लाया गया व पूर्व मुख्य मंत्री वीरभद्र सिंह की मूर्ति रिज मैदान पर लगाने की मांग उठाई। क्योंकि यसवंत परमार अगर हिमाचल निर्माता थे तो वीरभद्र आधुनिक हिमाचल के निर्माता हैं। उन्होंने हिमाचल के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। प्रदेश आज जहां खड़ा है वह वीरभद्र सिंह की देन है।

वन्ही 15 अगस्त को झंडा न फहराने की धमकी पर अग्निहोत्री ने कहा कि किसी में हिम्मत नही है कि झंडा फहराने से रोक सके। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री को भी दी गयी है। हिमाचल एक शांतिप्रिय प्रदेश है यहां की भौगोलिक स्थिति इस तरह की है कि कोई यहां से बच कर नही जा सकता। इन धमकियों की वास्तविकता क्या है यह जांच का विषय है।

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