5 सालों में टॉप 100 यूनिवर्सिटी में होगा ‘बाहरा’ का नाम, एकेडमिक स्ट्रक्चर को नए सिरे से किया तैयार, अफ़ग़ानिस्तान के छात्रों को भी मिलेगा पूरा सहयोग

शिमला टाइम
बाहरा विश्विद्यालय अपने एकेडमिक स्ट्रक्चर को नए सिरे से तैयार कर रहा है। ताकि हर एक छात्र की अपेक्षाएं इस संस्थान से पूरी हो सके। नौकरी की चाह वाले को रोजगार, स्वरोजगार और शोध करने की इच्छा वाले रिसर्च वर्क पूरा हो सके और इसी प्रकार हर छात्र की अपने संस्थान से जो भी अपेक्षा है पूरी होगी।

 बाहरा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बीएस नागेंद्र पराशर ने शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि बाहरा विश्वविद्यालय को वह 5 से 6 साल के अंदर टॉप 100 में देखना चाहते है। रोजगार, स्वरोजगार और रिसर्च पर विशेष ध्यान रहेगा। उन्होंने कहा कि हर एक छात्र की अपेक्षाएं भिन्न होती है कोई नौकरी करना चाहता है कोई सिर्फ शोध कार्य तो कोई अपना काम करना चाहता है। उन्होंने कहा कि छात्रों की इन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिए एकेडमिक स्ट्रक्चर को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। जो कि महवपूर्ण चीज है। छात्र को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि अपना काम शुरू कर औरों को रोजगार देने के काबिल बन सके। कुलपति नागेन्द्र पराशर ने कहा कि बाहरा विश्वविद्यालय  छात्रों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के साथ- साथ स्व रोजगार के लिए तैयार करने के लिए कार्य कर रहा है।  इसके लिए विश्वविद्यालय फाईनल के छात्रों के लिए इंटरनशिप कार्यक्रम शुरू किया है ताकि छात्रों को उद्योग क्षेत्र में व्यवहारिक ज्ञान भी मिले। इसके अलावा स्वरोजगार शुरू करके दूसरों को भी रोजगार प्रदान करे। प्रो पराशर ने कहा कि बाहरा विश्वविद्यालय में शोध कार्य और विदेशों  में जाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए भी संस्थान में मौका दिया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि वह यूनिक फ़ीचर से विश्व विद्यालय को ऊंचाइयों पर पहुंचाना चाहते हैं। इसके लिए छात्रों के आईडिया को डिज़ाइन कर इम्प्लीमेंट करवाया जाएगा। 

अफ़ग़ानिस्तान के छात्रों की सहायता को यूनिवर्सिटी तैयार, 30 ने लिया है दाखिला

बाहरा विश्वविद्यालय  में शिक्षा ग्रहण कर रहे  अफगानिस्तान के छात्रों की विश्वविद्यालय हर संभव सहायता करेगा। बाहरा विश्वविद्यालय में इस बार  30 नए छात्रों ने ऑनलाईन प्रवेश लिया है। हालांकि अफगानिस्तान की परिस्थितियों के चलते छात्र संस्थान नहीं पहुंच सके है। अफगानिस्तान  छात्रों को बाहरा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बीएस नागेंद्र पराशर ने आश्वस्त किया है कि वे  छात्रों का हर  संभव सहयोग करेंगे और उनकी सहायता करेंगे।

कोविड के कारण बाहरा विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रवेश कम

डॉ बीएस नागेंद्र पराशर ने बताया कि  कोविड के कारण जो छात्र अपने माता -पिता को खो चुके उनके लिए विशेष छात्रवृत्ति शुरू की गई है। उन्होने बताया कि जिन छात्रों के माता अथवा पिता की मृत्यु कोविड के कारण हुई है उन छात्रों को विश्वविद्यालय सिंगल छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है। वहीं जिन छात्रों ने कोविड के कारण अपने  माता- पिता दोनो को खोया है उन्हें सौ फीसदी छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। कुलपति ने बताया कि कोविड के कारण बाहरा विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रवेश कम हुआ है। वर्तमान में विश्वविद्यालय में लगभग 1500 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविड के कारण प्रदेश सरकार के आदेशों के तहत अभी छात्रों की ऑनलाईन पढाई हो रही है। स्थिति समान्य होने पर विश्वविद्यालय में नियमित कक्षाएं शुरू होगी।

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