शिमला टाइम
राजा वीरभद्र सिंह के घर होली लॉज में मुद्दतों बाद दरबार सजा, दरबान खड़े थे, दरबारी भी पधारे। लेकिन कुछ नवरत्न नदारद थे। चर्चा का बाज़ार भी गरम था सभी की निगाहें टिकी थी दरबार मे होने वाली सुगबुगाहट पर। अय्यार भी और सिपहसलार भी मुस्तैद थे। प्रदेश भर में लगातार खोज खबर चल रही थी कि क्या सियासत में कोई बड़ा फेर होगा या फिर तरकश से तीर निशाने की ओर निकलेंगे।
मौका तक वीरभद्र सिंह के जन्मदिन पर उस जश्न को मनाने का जो 23 जून को अधूरा रह गया था। प्रदेश में कांग्रेस की सियासत के सभी दिग्गजों को बकायदा आमंत्रण भेजे गए और आये भी लेकिन चर्चा ज्यादा उनकी हुई जो नहीं आये। कुछ दिन पूर्व एक लंच डिप्लोमेसी कांग्रेस नेता कौल सिंह के घर हुई। बी टीम ने एक छत के नीचे व्यंजन के चटकारे भी लगाए। तो कांग्रेस की राजनीति और पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठाये। निशाने पर थे कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर। अब बारी थी कांग्रेस की ए टीम की सब जुटे लेकिन पूरी बी टीम कई किलोमीटर दूर बैठकर हर हरकत पर नज़र रख रही थी। इसी बीच पता चला कि ए टीम के कुछ और दिग्गज छिटक गए है। इसमें शामिल थे रामलाल ठाकुर, चंबा से आशा कुमारी और कांगड़ा से सुधीर शर्मा व सिरमौर से हर्षवर्धन चौहान। ये नेता इस डिप्लोमेसी में शामिल क्यों नहीं हुए इस पर न किसी का बयान क्या न किसी ने सफाई दी। जबकि बी टीम का न आना सर्वविदित था। लंच हुआ चर्चाएं भी हुई और पूरी सियासत के केंद्र में थे विक्रमादित्य सिंह और मुकेश अग्निहोत्री, छत्रछाया थी वीरभद्र सिंह की।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ये कोई राजनीतिक बैठक या लंच नहीं है। बल्कि वीरभद्र सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर जो पार्टी नहीं हो पाई थी उसी की कड़ी में कार्यक्रम किया गया है। इसमें निश्चित तौर पर सरकार की नीतियों और निर्णयों पर मंथन भी हुआ है। वीरभद्र सिंह ने सभी नेताओं को आगे बढ़ने का मंत्र दिया। और सभी नेताओं का आभार जताते हुए बोले कि कांग्रेस पार्टी एकजुट है और एकजुट ही रहेगी।
गौर हो कि प्रदेश कांग्रेस की सियासी खिचड़ी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निजी आवास हॉली लॉज में पक्की। जिसमें प्रदेश कांग्रेस के नेता शामिल हुए। हालांकि कुछ दिन पहले कौल सिंह ठाकुर के घर भी एक लंच डिप्लोमेसी हुई थी जिसमें 7 नेताओं ने भाग लिया था और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के खिलाफ हाई कमान को शिकायत भी की थी। लंच डिप्लोमेसी में शामिल सातों नेताओं ने वीरभद्र सिंह के लंच से किनारा किया है। कहीं न कहीं इसके पीछे सियासी गुटबाजी भी देखी जा रही है। लंच में जंहा प्रदेश के सियासी घटनाक्रम को लेकर चर्चा हुई कांग्रेस को एकजुट कर 2022 में सत्ता में लाने के लिए मंथन भी हुआ।
ये रहे नदारद….
लंच डिप्लोमेसी में शामिल सातों नेताओं ने वीरभद्र सिंह के लंच से किनारा किया है। कौल सिंह के घर पर हुए लंच में सुखविंदर सिंह सुखू, हर्ष वर्धन चौहान, रोहित ठाकुर, आशीष बुटेल, सोहन लाल ठाकुर और सुधीर शर्मा शामिल थे जो वीरभद्र सिंह के लंच में शामिल नहीं हुए। इसके अलावा आशा कुमारी, जीएस बाली, रामलाल ठाकुर भी वीरभद्र सिंह के लंच में नहीं हुए हालांकि इसके क्या कारण रहे होंगे ये कहा नहीं जा सकता।
ये हुए शामिल……
वीरभद्र सिंह के लंच में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व मंत्री विद्या स्टोक्स, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ,राजेंद्र राणा ,मोहन लाल बरागटा, कुलदीप पठानिया ,पवन काजल ,नद लाल, जगत सिंह नेगी ,हरीश जनारथा ,लखविंदर राणा ,ठाकुर सिंह भरमौरी, चन्द्र कुमार, विनय कुमार, केवल सिंह पठानिया, चेतराम मंडी,पूर्व विधायक टेक चंद डोगरा,प्रकाश चौधरी, जगजीवन पाल,संजय रत्न,गंगू राम मुसाफिर,ज्वाला जीसे संजय रतन, इंद्र दत लखनपाल,अजय बहादुर ,सुंदर सिंह ठाकुर,अनिरुद्ध सिंह, विनय कुमार, हरीश जनारथा,आदित्य विक्रम और यशवंत छाजटा शामिल थे।