शिमला टाइम
आज हम आपको बता रहे है ‘सत्तू’ के बारे में। ‘सत्तू, सातू इलाके के हिसाब से इसके और भी कई नाम है। यह एक पहाड़ी व्यंजन है। जिसे हिमाचल के लोग चटखारे लेकर खाते है। यदि आप भी इसका स्वाद चखना चाहते हैं तो बहुत ही आसान है इसे तैयार करना। इस मक्की के सीज़न में आप सत्तू तैयार कर कई सालों तक रख सकते है। वो कैसे आज हम आपको बताते है…।
यदि आप घर पर ही सत्तू तैयार करना चाहते हैं तो ताज़ी मक्की से उसके दाने निकाल कर रख दें। वो इसलिए क्योंकि मक्की जितनी ताज़ी होगी या पक्की हुई होगी सत्तू का स्वाद भी उस पर निर्भर करेगा। इसलिए ताज़ी मक्की को ही इसे बनाने के लिए चुने। मक्की के दानें निकालने के बाद उन दानों को एक बड़े कढ़ाई या विशेष तौर सत्तु भूनने के लिए घर पर रखे बड़े तवे पर आप इन्हें भूनने की प्रक्रिया शुरू करें। तब तक भूनते रहे जब तक ये पक न जाएं यानि दानें भूरे रंग के न हो जाये। इसके बाद इसे तवे या कढ़ाई से उतार दें। उसके बाद एक बड़ी चटाई पर इन दानों को फैला दें। हर दिन धूप में सुखाते रहे जब तक कि ये मक्की के दाने करारे व बिल्कुल ड्राई न हो जाये। www.shimlatime.com यदि इन्हें धूप नहीं लगाएंगे तो नमी से आपकी मेहनत बेकार हो सकती है। नमी से बचाने के लिए इसे सूखाना आवश्यक है। सूखाने के बाद मक्की के दानों को पैक कर रख सकते है। इसके बाद जब आपका मन करें तो आप इन्हें पीस कर पाउडर बना सकते है। जिसके बाद जो मक्की का नया स्वरूप होगा उसका नाम होगा ‘सत्तू’। अधिकांश लोग इन्हें गर्मियों में खाना पसंद करते है।www.shimlatime.com
खाने का तरीका भी यहां सभी का अपना-अपना है। हिमाचल प्रदेश के सोलन, शिमला सहित जिलों की बात करें तो यहां लोग इसे लस्सी के साथ खाना पसंद करते है। साथ मे पुदीने की चटनी इसका स्वाद और भी अधिक बढ़ा देती है।www.shimlatime.com इसी तरह कई इलाके के लोग पानी व चाय के साथ भी इसे खाना पसंद करते हैं। चलिये आज हमने आपको मक्की के सत्तू बनाना तो सीखा दिया अब आप जरूर इसका स्वाद लें। बता दें कि मक्की के अलावा जौ, चना के भी सत्तू पाउडर बनाए जा सकते हैं।