शिमला टाइम
राजधानी शिमला का व्यापार मण्डल नगर निगम कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठा है। व्यापारियों द्वारा भूमि टैक्स और लॉकडाउन के बीच बंद रही दुकानों से कूड़े का अतिरिक्त बिल वसूलने को लेकर आज व्यापार मंडल नगर निगम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठा है।कोरोना संकट काल में हुए लॉकडाउन ने व्यापारियों पर गहरा प्रभाव डाला है राजधानी शिमला के व्यापारियों पर नगर निगम शिमला में अतिरिक्त बोझ डाल दिया है, जहां उनसे लॉकडाउन के बीच बंद रही दुकानों का कूड़े का बिल वसूला जा रहा है तो वही प्रॉपर्टी टैक्स भी लिया जा रहा है। व्यापार मंडल शिमला का कहना है लंबे समय से व्यापारियों का काम ठप पड़ा था और अब करीब 6 महीने बाद फिर से व्यापार पटरी पर आ रहा है तो ऐसे में व्यापारियों से अतिरिक्त पैसा लेना किसी भी लिहाज से उचित नहीं है। और उनका यह भी कहना है कि हम किराया देंगे लेकिन किराए का टैक्स नहीं टैक्स हमें नहीं बल्कि नगर निगम को देना चाहिए।
व्यापार मण्डल के अध्यक्ष इंद्रजीत का कहना है कि 6 महीनें के जो बिल दिए है उसमें कटौती होनी चाहिए। क्योंकि कोरोना काल में किसी भी तरह का काम नही हुआ है और कोरोना काल में भी लोगों को इतने बिल थमा दिए है जो बिल्कुल गलत है
वही प्रोपटी टैक्स भी इस बार दुकानदारों को थमा दिए है कोरोना संकट काल में हुए लॉकडाउन ने व्यापारियों पर गहरा प्रभाव डाला है राजधानी शिमला के व्यापारियों पर नगर निगम शिमला में अतिरिक्त बोझ डाल दिया है जहां उनसे लॉकडाउन के बीच बंद रही दुकानों का कूड़े का बिल वसूला जा रहा है तो वही प्रॉपर्टी टैक्स भी लिया जा रहा है व्यापार मंडल शिमला का कहना है लंबे समय से व्यापारियों का काम ठप पड़ा था और अब करीब 6 महीने बाद फिर व्यापारियों से इतने भारी बिल लेना बिल्कुल गलत है।